इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बकाया वेतन व अन्य लाभ के लिए दाखिल विशेष अपील स्वीकार कर ली है। कहा कि शिक्षक को तीन माह के अंदर 1994 से 2006 तक का बकाया वेतन व अन्य लाभ दिया जाए। कोर्ट ने उप शिक्षा मामला 2 निदेशक-द्वितीय, इलाहाबाद के दो जनवरी 2013 के आदेश व एकल न्यायाधीश के नौ अगस्त 2024 के आदेश को रद्द कर दिया।
न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी व न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की पीठ ने यह आदेश कांति मिश्रा की विशेष अपील पर दिया। प्रयागराज के लूकरगंज स्थित विद्यावती दरबारी बालिका इंटर कॉलेज में याची कांती मिश्रा की नियुक्ति सहायक अध्यापक (बीटीसी ग्रेड) पर 1994 में हुई थी। इसके बाद उनकी नियुक्ति को गलत मानते हुए 1995 को बर्खास्त कर दिया।
कोर्ट के आदेश पर उन्हें 2006 में पुनः नियुक्ति दी गई और वेतन भी जारी कर दिया गया। याची ने 1994 से 2006 तक का बकाया वेतन व अन्य लाभ की मांग करते संबंधित अधिकारी के समक्ष प्रार्थना पत्र दिया, जिसे खारिज कर दिया गया।
एकल न्यायाधीश का आदेश भी याची के पक्ष में नहीं रहा। इसके बाद याची ने विशेष अपील हाईकोर्ट में दाखिल की। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने याची की अपील को स्वीकार करते हुए समस्त बकाया वेतन व अन्य लाभ देने का आदेश दिया।