लखनऊ, । प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में पार्ट टाइम (अंशकालिक) पीएचडी के लिए ज्यादा फीस वसूली जाएगी। कई विश्वविद्यालयों ने सेमेस्टरवार फीस भी तय कर दी है। यह फीस पूर्णकालिक पीएचडी छात्र-छात्राओं और पार्ट टाइम पीएचडी करने वाले विश्वविद्यालय या महाविद्यालयों के शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से ली जाने वाली फीस से ज्यादा है। विश्वविद्यालयों ने प्रायोगिक और

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■ राज्य विवि तय कर रहे हैं अलग-अलग शुल्क ■ दो श्रेणियों में बांटकर तय की गई है फीस
गैर प्रायोगिक विषयों के आधार पर दो श्रेणियों में बांटकर फीस तय की है, जो तीन वर्गों के लिए अलग-अलग है। इसमें फुल टाइम रेगुलर, विश्वविद्यालय या महाविद्यालय के पार्ट टाइम पीएचडी करने वाले शिक्षक व कर्मचारी, अन्य सरकारी सेवाओं और निजी सेवाओं में कार्यरत लोग शामिल हैं।