लखनऊ, । प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में पार्ट टाइम (अंशकालिक) पीएचडी के लिए ज्यादा फीस वसूली जाएगी। कई विश्वविद्यालयों ने सेमेस्टरवार फीस भी तय कर दी है। यह फीस पूर्णकालिक पीएचडी छात्र-छात्राओं और पार्ट टाइम पीएचडी करने वाले विश्वविद्यालय या महाविद्यालयों के शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से ली जाने वाली फीस से ज्यादा है। विश्वविद्यालयों ने प्रायोगिक और

- बेसिक शिक्षा परिषद से सम्बन्धित ऑनलाइन पोर्टल पर संचालित मॉड्यूल के सम्बन्ध में समीक्षा एवं सुझाव के सम्बन्ध में।
- अंतर्जनपदीय सामान्य ट्रांसफर की आधिकारिक सूची अभी तक जारी नहीं हुई है। जो सूची वायरल हो रही है ,वह आधिकारिक नहीं है अभी , देखें यह सूची
- खण्ड शिक्षा अधिकारियों हेतु 03 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के सम्बन्ध में।
- बेसिक शिक्षा परिषद् के अधीन संचालित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षिका के अन्तर्जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण के सम्बन्ध में जनपद बरेली में कार्यरत शिक्षकों की पदोन्नति विषयक सूचना प्रेषण विषयक ।
- शैक्षिक सत्र 2025-26 में निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा तथा स्टेशनरी क्रय से सम्बन्धित धनराशि डी०बी०टी० के माध्यम से सीधे छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों के खाते में हस्तांतरित कराये जाने की अद्यावधिक प्रगति तथा अन्य महत्वपूर्ण प्रकरणों के सम्बन्ध में वर्चुअल बैठक।
■ राज्य विवि तय कर रहे हैं अलग-अलग शुल्क ■ दो श्रेणियों में बांटकर तय की गई है फीस
गैर प्रायोगिक विषयों के आधार पर दो श्रेणियों में बांटकर फीस तय की है, जो तीन वर्गों के लिए अलग-अलग है। इसमें फुल टाइम रेगुलर, विश्वविद्यालय या महाविद्यालय के पार्ट टाइम पीएचडी करने वाले शिक्षक व कर्मचारी, अन्य सरकारी सेवाओं और निजी सेवाओं में कार्यरत लोग शामिल हैं।