प्रयागराज : बेसिक शिक्षा के स्कूलों में लंबे समय से पदोन्नति न होने से बतौर इंचार्ज काम कर रहे 17 शिक्षकों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानाध्यापक पद का वेतन देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग को हिदायद दी है कि भुगतान भी दो माह में करना होगा। यह आदेश गुरुवार को जितेंद्र सिंह सेंगर समेत 17 शिक्षकों की याचिका पर उच्च न्यायालय ने दिया है।
दरअसल, जिले के इंचार्ज शिक्षकों की ओर से हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता जितेंद्र सिंह सेंगर व 16 अन्य शिक्षकों ने प्रधानाध्यापक का वेतन दिलाने की याचिका दायर की थी। कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर बेसिक शिक्षा विभाग को आदेश जारी करते हुए सभी 17 इंचार्ज शिक्षकों को हेड मास्टर का वेतन देने के आदेश दिए। कई शिक्षकों ने दायर याचिका में कहा था कि वह विद्यालय में कई वर्षों से हेड मास्टर का काम कर रहे हैं, लेकिन वेतन सहायक अध्यापक का दिया जा रहा है।
- आज प्रदेश के समस्त परिषदीय विद्यालयों में रहेगा अवकाश
- सात दशक में सात करोड़ से अधिक कर्मचारियों को मिली सुरक्षा
- JOB : कस्तूरबा विद्यालयों में चयन के सम्बन्ध में कटऑफ जारी
- आंगनबाड़ी केंद्रों के आहार की गुणवत्ता जांच के आदेश
- तैयारी: संगीनों के साए में मेडिकल कॉलेजों की सुरक्षा
हाईकोर्ट ने याचिका का निस्तारण कर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को आदेश दिया कि वह इन शिक्षकों को इंचार्ज बनने की तिथि से प्रधानाध्यापक का वेतन और इस अवधि का एरियर भुगतान भी करें। याचिकाकर्ताओं में जितेंद्र सिंह सेंगर, अंबुज मिश्रा, अंजनी कुमार शुक्ला, अनुज कुमार सिंह, बृजेंद्र शेखर, दीपांशी, हिमांशु, लवली, माधवी जादौन, प्रेमलता, रविकांत, प्रभाष चंद्र, गीता दोहरे, दिव्या, शिवम माहेश्वरी, अर्पण त्रिपाठी आदि थे।
जौलान बीएसए चंद्र प्रकाश ने बताया, सचिव बेसिक परिषद ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी कर कहा है कि सिंगल बेंच में जो भी निर्णय हो रहे हैं उसके विरुद्ध सभी बीएसए डबल बेंच जाएं। मुझे सिर्फ एक याची का कोर्ट ऑर्डर प्राप्त हुआ है। शेष 17 याचियों का जो ऑर्डर है वह विभाग ने इस प्रकरण में नियुक्त किए गए सरकारी वकील के पास पहुंचा होगा।