यूपी के 18 लाख राज्य कर्मचारियों को उम्मीद है कि दीवाली से पहले उन्हें वेतन तो मिलेगा साथ ही बोनस की तोहफा भी सरकार देगी। वहीं राज्य में तमाम निगम ऐसे हैं जो अपनी जर्जर हालत के चलते बंदी के कगार पर हैं और अपने बचे कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रहे हैं। राज्य कर्मचारियों में शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी और स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारी शामिल हैं। राज्य कर्मचारियों को करीब 7 हजार रुपये तक बोनस दिए जाने की सीमा है। इससे 1025 करोड़ रुपये से अधिक का व्यय भार पड़ेगा।
राज्य कर्मचारी संयुक्त उत्तर प्रदेश परिषद के महामंत्री अतुल मिश्र का कहना है कि संगठन ने सरकार से पहले से मांग कर रखी है कि दीवाली से पहले वेतन दिया जाए। साथ ही बोनस जल्द घोषित किया जाए। यही नहीं जुलाई में देय महंगाई भत्ता भी अभी तक नहीं मिला। बढ़ती महंगाई में कर्मचारियों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बोनस व डीए समय से मिल जाएगा तो त्योहार के वक्त कर्मचारियों व उनके परिजनों को राहत मिलेगी।
शिक्षकों और कर्मियों ने जल्द मांगी तन्ख्वाह
प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों और कर्मियों ने दीपावाली पर्व से पहले वेतन भुगतान की गुहार लगायी है। शिक्षक संगठनों ने मुख्यमंत्री से लेकर विभागीय अधिकारियों को पत्र भेजकर भुगतान मांगा है। उप्र. माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट के प्रदेश अध्यक्ष सोहनलाल वर्मा का कहना है कि दीपावली बड़ा त्योहार होता है। प्रान्तीय अध्यक्ष विनय सिंह और महामंत्री आशुतोष मिश्रा का कहना है कि कई जिलों में डीएम ने दीपावली से पहले शिक्षकों एवं कर्मचारियों को वेतन देने के आदेश जारी कर दिये हैं।
संविदा कर्मियों का पर्व अंधेरे में न रह जाए
त्योहारों के सीजन में वेतन भुगतान में हीलाहवाली से बिजली संविदाकर्मी परेशान है। कर्मचारियों का आरोप है कि ऊर्जा प्रबंधन ने लखनऊ के कई उपकेंद्रों में तैनात संविदाकर्मियों को सितम्बर माह में वेतन नहीं दिया है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ के महामंत्री देवेन्द्र पांडेय ने कहा कि लेसा के सर्किल-चार में करीब 250 आउटसोर्स कर्मचारियों को सितम्बर 2024 का वेतन भुगतान नहीं किया गया है, जबकि दीपावली नजदीक है।
इंजीनियर्स एसोसिएशन ने पर्व से पहले मांगी पगार
- किसी बच्चे की अपार आईडी बनाना अनिवार्य नहीं।
- अंतर्जनपदीय स्थानांतरण संघर्ष समिति ने सचिव बेसिक शिक्षा को स्थानांतरण के लिए दिया ज्ञापन
- Primary ka master: बीएसए पर गंभीर आरोप, दो कर्मचारी आमरण अनशन पर
- जनपद के परिषदीय विद्यालयों सहित कक्षा 1 से 08 तक की शिक्षण संस्थाओं के संचालन अवधि की समय-सीमा में परिवर्तन किये जाने के सम्बन्ध में।
- कलक्टर हैं, शूरवीर नहीं… जो स्वतंत्र विभागों पर चलाएं हुक्मः हाईकोर्ट
उत्तर प्रदेश इंजीनियर्स एसोसिएशन ने दीपावली से पहले वेतन, मानदेय और बोनस की मांग उठाई है। संगठन के महामंत्री आशीष यादव ने कहा कि दीपावली खर्च वाला त्योहार है। ऐसे में वेतन आदि का भुगतान होना करीब आठ हजार कर्मचारियों के हित में जरूरी है। वहीं उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम इम्प्लाइज यूनियन के केंद्रीय महामंत्री शिशिर कुमार गुप्ता ने सेतु निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर अक्तूबर का वेतन दीपावली से पहले दिए जाने की मांग की है। उत्तर प्रदेश अधिकारी महापरिषद के प्रधान महासचिव आशीष यादव ने दीपावली से पहले वेतन भुगतान की मांग की।
प्राधिकरणों और निगम कर्मचारियों को भी राहत
प्रदेश के 31 विकास प्राधिकरणों के 22 हजार कर्मचारियों को भी दीवाली से पहले वेतन व बोनस देने की तैयारी है। इसके लिए प्राधिकरणों ने तैयारी कर ली है। वहीं प्रदेश के 17 नगर निगमों के करीब 17500 कर्मचारियों के अलावा 34000 सफाई कर्मचारियों को भी दीवाली से पहले वेतन व बोनस दिए जाने की तैयारी है। इसी तरह 200 नगर पालिका परिषद और 545 नगर पंचायतों के कर्मचारियों को भी दीवाली से पहले वेतन व बोनस मिलने की संभावना है।
कई निगमों के कर्मियों का हाल बेहाल
राज्य में 36 प्रमुख निगमों व सार्वजनिक उपक्रमों में आवास निगम, सेतु निगम, पर्यटन निगम, निर्माण निगम समेत कुछ निगमों के कर्मचारियों को ही नियमित रूप से वेतन मिल पा रहा है। जबकि कर्मचारी कल्याण निगम, हथकरघा निगम, भूमि सुधार, अल्पसंख्यक कल्याण के कर्मचारियों का हाल बेहाल है। कर्मचारी महासंघ के महामंत्री मनोज मिश्र का कहना है कि इन खराब वित्तीय स्थिति वाले निगमों में अभी हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं लेकिन वहां काम न के बराबर है।
रोडवेज के 52 हजार कर्मियों ने मांगा वेतन
रोडवेज के 15 हजार नियमित और 32 हजार संविदा और पांच हजार आउटसोर्स कर्मियों ने अक्तूबर का वेतन भुगतान दीपावली से पहले करने की मांग की। उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री गिरिश मिश्रा ने बताया कि दीपावली का पर्व कुछ दिन ही शेष रह गया है। ऐसे में संविदा और नियमित कर्मचारियों को पारिश्रमिक, वेतन, बोनस का भुगतान इसके पूर्व किया जाना जरूरी है। समय से वेतन, मिलने से कर्मचारी पर्व उत्साह से मना सकेंगे।
जिला पंचायत में लेखाकार न होने से 60 कर्मचारियों को नहीं मिलेगा वेतन
जिला पंचायत के 60 कर्मचारियों को इस बार दिवाली में वेतन नहीं मिल पाएगा। क्योंकि यहां वेतन के बिल पर साइन करने वाला कोई लेखाकार ही नहीं है। एक लेखाकार थे उनका तबादला हो गया। दूसरा कोई आया नहीं। बिना लेखाकार के वेतन नहीं निकल पाएगा। इसकी वजह से यहां के 60 कर्मचारियों की दिवाली फीकी रहेगी।