परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान और गणित विषय के 29334 सहायक अध्यापकों की भर्ती में रिक्त 1755 पदों पर चयन की उम्मीद फिर से जगी है। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से शासन को रिक्त पदों पर मेरिट के आधार पर अभ्यर्थियों के चयन का प्रस्ताव शासन को भेजा है। शासन की अनुमति के बाद जिलेस्तर पर काउंसिलिंग कराते हुए नियुक्ति पत्र वितरित किया जाएगा। शासन की अनुमति मिलने पर उन अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी जो पांच साल से सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा लड़ते-लड़ते मानसिक और आर्थिक रूप से हार चुके हैं।
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29,334 सहायक अध्यापकों की भर्ती 11 जुलाई 2013 को शुरू हुई थी। अभ्यर्थी आलोक चौधरी और मनोज कुमार के अनुसार जनवरी-फरवरी 2015 तक सात राउंड की काउंसिलिंग के बाद टीईटी में 82 अंकों के आधार पर सफल अभ्यर्थियों की आठवें राउंड की काउंसिलिंग कराई गई और जनवरी-फरवरी 2016 में नियुक्ति पत्र दिया गया। इस बीच पूर्व में काउंसिलिंग करा चुके, लेकिन ज्वाइनिंग से वंचित अभ्यर्थियों को नवंबर 2016 में नियुक्ति का अंतिम अवसर मिला।
उनकी नियुक्ति प्रक्रिया चल रही थी कि सरकार बदलने के बाद 23 मार्च 2017 को नियुक्ति पर रोक लगा दी गई। इसके खिलाफ अभ्यर्थियों ने याचिकाएं की तो हाईकोर्ट ने दो महीने में भर्ती पूरी करने का आदेश दिया, लेकिन सरकार ने उसे नहीं माना। सरकार ने हाईकोर्ट में ही स्पेशल अपील और पुर्नविचार याचिकाएं दायर की लेकिन दोनों खारिज हो गईं। इसके बाद अभ्यर्थियों ने भर्ती न होने पर अवमानना याचिका दाखिल कर दी। इससे बचने के लिए सरकार ने मई 2019 में सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल अपील की जिसकी सुनवाई चल रही है।