प्रयागराज उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) से निजी डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) संस्थान संचालन की संबद्धता लेने के लिए कई आवेदनों में फर्जी अभिलेख लगाए गए थे। राज्य स्तरीय समिति ने आवेदन के साथ संलग्न
अभिलेखों का परीक्षण कराया तो यह फर्जीवाड़ा सामने आया। अग्निशमन विभाग, पीडब्ल्यूडी, नेशनल बिल्डिंग कोड (एनबीसी) के जो पत्र प्रस्तुत किए गए थे, वह कई कालेजों के लिए संबंधित विभागों ने जारी ही नहीं किए थे। ऐसे में मामूली कमी वाले करीब दो दर्जन संस्थानों को शर्त के साथ संबद्धता दिए जाने की संस्तुति की गई है।
संबद्धता लेकर निजी डीएलएड संस्थान संचालित करने के लिए 105 आवेदन उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी को प्राप्त हुए थे। पीएनपी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने संबद्धता दिए जाने की शर्तों के क्रम में राज्य स्तरीय समिति से आवेदनों का परीक्षण कराया। कुछ आवेदन के साथ संलग्न प्रमाणपत्र सही प्रतीत नहीं होने पर उन्हें सत्यापित कराने के
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उद्देश्य से संबंधित विभागों को भेजे गए। कई आवेदनों के क्रम में विभागों ने रिपोर्ट दी कि प्रमाणपत्र उनकी और से जारी नहीं किए गए हैं। भवन की लंबाई, बीम आदि के संबंध में एनबीसी की रिपोर्ट भी फर्जी लगाई गई थी। कुछ प्रकरणों में अध्यापकों का फर्जी अनुमोदन किए जाने का प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया गया था। परीक्षण को देखते हुए कुछ ने
अपने आवेदन ही वापस ले लिए। ऐसे में समिति ने गलत प्रमाणपत्र के साथ प्रस्तुत की गई पत्रावलियों के क्रम में संबद्धता दिए जाने की अनुमति नहीं दी। करीब दो दर्जन आवेदनों में सामान्य कमियों जैसे भवन का नक्शा आदि नहीं लगे होने पर उसे प्रस्तुत करने की शर्त के साथ संबद्धता देने के लिए समिति ने अनुमति दी है।