आगरा। आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं व कुपोषित बच्चों को मुफ्त बंटने वाले पुष्टाहार की कालाबाजारी मामले में बुधवार रात जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने सुपरवाइजर अनीता सहित 13 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को और निलंबित कर दिया। मंगलवार को 4 कार्यकर्ता निलंबित की गईं थीं।
आंगनबाड़ी की दाल और रिफाइंड को खुले बाजार में बेचकर कमाई के आरोप में फंसी इन 17 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवा भी समाप्त हो सकती है। इनसे बेचे गए पुष्टाहार की रिकवरी भी होगी। इनके अलावा जिलाधिकारी ने शासन को भेजी रिपोर्ट में जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) आदीश मिश्रा और बाल विकास परियोजना अधिकारी
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(सीडीपीओ) विमल चौबे के खिलाफ भी कारवाई की संस्तुति की है।
अमर उजाला ने मंगलवार के अंक में आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं और 6 साल से कम उम्र के बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए सरकार द्वारा मुफ्त बांटे जा रहे पुष्टाहार में चना दाल, सोयाबीन रिफाइंड तेल को किराना दुकानों पर बेचे जाने का खुलासा किया था। जिसका बड़ा असर हुआ। स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया। मंगलवार शाम को ही वीडियो कांफ्रेंसिंग से मुख्यमंत्री ने आगरा के जिलाधिकारी, मंडलायुक्त व पुलिस
कमिश्नर को इस मामले में सख्त करवाई के निर्देश दिए।
मंगलवार रात को ही पुलिस ने पुष्टाहार का अवैध भंडारण कर खरीद फरोख्त के आरोपी प्रवीण अग्रवाल निवासी नाई की मंडी, डेरा सरस को गिरफ्तार कर लिया। बुधवार तक 17 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर निलंबन की करवाई हो चुकी है। डीपीओ और सीडीपीओ को भी शासन निलंबित कर सकता है। गहराई से जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी भी शासन से बनाई जा सकती है। जिले में 4 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र हैं। जहां 3.50 लाख से अधिक लाभार्थी हैं।
गोदाम मालिक गिरफ्तार, बाजार में बेचकर कमा रहे मुनाफा आगरा। गर्भवती महिलाओं व कुपोषित बच्चों को मुफ्त में बंटने वाले पुष्टाहार की कालाबाजारी के मामले में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद पुलिस हरकत में आ गई। बुधवार को फरार गोदाम मालिक प्रवीन अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया।