लखनऊ, । ललितपुर में आठ प्रदेशों के हजारों निवेशकों का अरबों रुपये लेकर फरार हुई चिटफंड कंपनी एलयूसीसी के डायरेक्टरों ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की जमीनें खरीद डाली थी। इतना ही नहीं भोपाल व इंदौर में 400-400 कमरों का होटल भी बनवाया। ललितपुर पुलिस की पड़ताल में यह सब सामने आया है। वहां की पुलिस ने ईडी को इस बारे में जानकारी दी है। ईडी इस मामले में पिछले महीने एफआईआर दर्ज कर चुका है।
फरार चल रहे कंपनी के संचालक समीर अग्रवाल पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित है। इस कंपनी ने पहला कार्यालय ललितपुर में खोला था। इसने निवेशकों को कम समय में दोगुना राशि करने और कई अन्य लुभावनी स्कीम दिखाकर रुपये जमा कराने शुरू कर दिए थे। कुछ समय बाद ही कंपनी के संचालक समीर अग्रवाल ने मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान समेत आठ प्रदेशों में कई ब्रांच खोल दी।
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दुबई तक में इस कंपनी ने कारोबार शुरू कर दिया था। इसके बाद ही सैकड़ों निवेशक इसके जाल में फंसते गए और अरबों रुपये कंपनी के खातों में जमा हो गए। कंपनी के फरार होने पर ही डीआईजी झांसी द्वारा गठित एसआईटी ने जांच शुरू की थी।
एलयूसीसी के निदेशकों ने 100 करोड़ की जमीनें खरीदीं
लखनऊ। लखनऊ समेत यूपी के कई जिलों में बड़े-बड़े भूखण्ड व जमीनें खरीदने वाले प्रभावशाली लोग बेनामी सम्पत्ति की जांच के दायरे में आ गये हैं। पिछले 16 वर्षों में जिन्होंने भी बड़े प्लॉट व ज्यादा जमीनें खरीदी हैं उन सभी की जांच शुरू हुई है।
आयकर विभाग की बेनामी सम्पत्ति इकाई ने जिलाधिकारियों, विकास प्राधिकरण उपाध्यक्षों, आवास आयुक्त से एक जनवरी 2008 से एक नवम्बर 2024 तक एक हजार वर्ग मीटर से बड़े प्लॉट व जमीनें खरीदने वालों की सूची तत्काल मांगी है। निजी व कम्पनी दोनों के नाम खरीदी गयी सम्पत्तियों का ब्योरा मांगा गया है। प्रतिबंधित बेनामी सम्पत्ति ट्रांजेक्शन एक्ट 1988 के तहत इनके खिलाफ जांच शुरू हुई है। इसमें कई बड़े अफसरों, मंत्रियों, विधायकों, बिल्डरों तथा नवधनाड्य व्यावसायियों की गर्दन फंसती नजर आ रही है।
लखनऊ,नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, बरेली, कानपुर और वाराणसी जैसे बड़े जिलों तक जांच की आंच पहुंच रही है।
आयकर विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इसमें कालेधन के इस्तेमाल की जानकारी हुई है। बेनामी सम्पत्ति निषेध इकाई के आईआरएस अफसर व डिप्टी कमिश्नर आलोक सिंह ने पांच नवम्बर 2024 को नोटिस भेजकर जांच शुरू होने की जानकारी दी है।