लखीमपुर खीरी। नगर क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों के हालात खराब हैं। यहां शिक्षकों की जबरदस्त कमी है। कई विद्यालय एकल शिक्षक के सहारे चल रहे हैं, तो कुछ को महज शिक्षामित्रों के भरोसे छोड़ दिया गया है। इसके विद्यालयों में बच्चों की संख्या घटती जा रही है।
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लखीमपुर नगर क्षेत्र में 32 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। हर 30 बच्चों पर एक शिक्षक की नियुक्ति का नियम है, लेकिन शहर के स्कूलों में ऐसा नहीं है। नगर क्षेत्र में जो परिषदीय विद्यालय हैं, उनमें 24 प्राथमिक व आठ उच्च प्राथमिक स्तर के हैं। इन स्कूलों में कुल मिलाकर तीन प्रधानाध्यापक, नौ सहायक अध्यापक और 22 शिक्षामित्रों की तैनाती है। सभी स्कूलों में कुल 1754 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में भर्ती की प्रक्रिया अलग है। 1986 और 1999 के बाद आज तक नगर क्षेत्र में भर्ती प्रक्रिया ही नहीं हुई, लिहाजा स्कूलों में शिक्षकों की संख्या घटती गई।
एक शिक्षामित्र के सहारे चल रहे स्कूल
नगर क्षेत्र का सदर विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय गोटैय्याबाग, नौरंगाबाद सहित ऐसे कई स्कूल हैं, जहां पर एक शिक्षामित्र ही तैनात है। ऐसे में बच्चों को अलग-अलग कक्षाओं में बैठाकर पढ़ाने, परीक्षा कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कहीं-कहीं एक शिक्षक पर सौ से अधिक बच्चों को पढ़ाने का बोझ है।
जमीन पर बैठकर शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र-छात्राएं
सरकारी विद्यालयों में बच्चों की संख्या बढ़े, इसको लेकर शासन स्तर से कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, लेकिन शहर के ही कई ऐसे विद्यालय हैं, जहां पर बच्चों के बैठने के इंतजाम नहीं हैं। बच्चे टाट-पट्टी पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करने के लिए मजबूर हैं। सरकारी विद्यालयों की इन व्यवस्थाओं को देखकर अभिभावक निजी स्कूलों की ओर रुख कर रहे हैं। इससे बच्चों की संख्या घटती जा रही है।
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कई सालों से नगर क्षेत्र के विद्यालयों के लिए भर्ती प्रक्रिया नहीं हुई है। ऐसे में शिक्षकों की कमी को पूरा नहीं किया जा सका है। विभागीय स्तर से कोई समायोजन की कार्यवाही नहीं हो सकती। शासन के निर्देश से ही कार्यवाही होती है।
शत्रुघ्न सरोज, बीईओ नगर क्षेत्र