प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी पाने वाला व्यक्ति नैसर्गिक न्याय की दुहाई नहीं दे सकता। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति अजय भनोट की अदालत ने सहायक अध्यापक सौरभ श्रीवास्तव की याचिका खारिज करते हुए की।
- NAT EXAM : कैसे होगा NAT टेस्ट से ग्रेड का निर्धारण, जानिए
- 11वीं व 12वीं कक्षा में छात्रों को मिले तीन कौशल पाठ्यक्रम का विकल्प
- नवोदय विद्यालय के हॉस्टल में सीनियरों ने जूनियर को पीटा
- JOB : कस्तूरबा विद्यालयों में नौकरी के लिए विज्ञप्ति जारी
- वेतन निर्धारण में गलती करने वालों को जवाबदेह बनाना चाहिए : हाईकोर्ट
बेसिक शिक्षा अधिकारी इटावा ने याची की नियुक्ति इस आधार पर रद्द कर दी कि उसका टीईटी का प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया। इसके खिलाफ याची ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याची के अधिवक्ता ने नैसर्गिक न्याय का हवाला दिया। कहा कि नियुक्ति रद्द करने का चार अक्तूबर 2024 का आदेश पारित करने से पहले याची को सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया। संवाद