दिसंबर-जनवरी में टीजीटी- पीजीटी, असिस्टेंट प्रोफेसर भतीं परीक्षा कराने की योजना
दिसंबर में पीसीएस प्री, जनवरी में यूपी बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षा से भी होगा संकट
प्रयागराज : दर्जन भर से ज्यादा तरह के शिक्षण संस्थानों में शिक्षक भर्ती कराने के लिए गठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग द्वारा अपने एक वर्ष के कार्यकाल में कोई नई भर्ती कराए जाने की उम्मीद कम है। अभी आयोग दिसंबर व जनवरी में असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) एवं प्रवक्ता संवर्ग (पीजीटी) की पुरानी भर्ती के लिए गए आवेदन के क्रम में परीक्षा कराने की योजना पर काम कर रहा है। 22 दिसंबर को पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा आयोजित होनी है। जनवरी में यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट प्रायोगिक परीक्षा कराई जाएगी। 24 फरवरी से यूपी बोर्ड की लिखित परीक्षाएं
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होंगी। ऐसे में यूपी बोर्ड की लिखित परीक्षा के पहले अगर आयोग की ये परीक्षाएं हो भी पाएंगी तो वह पुरानी होंगी। मार्च में आयोग के क्रियाशील होने के एक वर्ष पूरे हो जाएंगे। इस तरह कोई नई भर्ती एक वर्ष के कार्यकाल पूरी होना मुश्किल है। शिक्षा सेवा चयन आयोग 15
में मार्च-2024 को सभी 12 सदस्यों के कार्यभार ग्रहण कर लेने के साथ क्रियाशील हो गया था। इसमें अध्यक्ष तथा सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष निर्धारित है। इस तरह तीन वर्ष के कार्यकाल के पहले आठ माह में आयोग का जोर पुरानी भर्तियों को पूरा करने पर है। सदस्यों का कार्यकाल एक साथ 14 मार्च 2027 को पूरा हो जाएगा। इस तरह आयोग
के पास शिक्षक भर्तियां करने के लिए दो वर्ष का समय बचेगा, जिसमें
उस अधियाचन मिलने के क्रम म प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च स्तर के शिक्षण संस्थानों के लिए परीक्षा कराकर शिक्षकों का चयन करना होगा। आयोग की ओर से भर्ती वाले सभी संस्थानों को पत्र लिखकर अधियाचन मांगा गया है, जिससे कि भर्ती प्रक्रिया को लेकर आगे बढ़ा जा सके। अभी जो तीन तरह के शिक्षण संस्थानों के लिए शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित कराए जाने को लेकर आयोग तैयारी कर रहा है.
वह वर्ष 2022 का है, जिन्ह पुरान भर्ती संस्थान उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड आयोजित नहीं करा सके थे।