प्रयागराज उत्तर प्रदेश माध्यमिक परिषद (यूपी बोर्ड) ने ऐसे मान्यता प्राप्त वित्तविहीन विद्यालयों विरुद्ध कार्रवाई की तैयारी की है, जिनमें पिछले दो वर्ष में किसी छात्र ने प्रवेश नहीं लिया है। वर्ष 2025 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया के बीच कई ऐसे वित्तविहीन विद्यालय सामने आए, जिनमें छात्र संख्या शून्य थी। ऐसे विद्यालयों यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह परीक्षण करा रहे हैं। अब तक सौ से अधिक ऐसे विद्यालय मिले हैं। यह संख्या अभी और बढ़नी तय है। ऐसे विद्यालयों के मान्यता प्रत्याहरण के नोटिस जारी की जाएगी। जवाब
- ठंड बढ़ने के साथ परिषदीय स्कूलों के बच्चों को स्वेटर और जूते के लिए धनराशि का इंतजार
- परिषदीय शिक्षकों ने गृह जनपद में तैनाती लिए दिया धरना
- Basic Shiksha: 2018 से फंसी थी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया: अब मा० शिक्षकों की तैनाती का रास्ता साफ, नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश
- Shikshamitra news : शिक्षामित्रों के केस की आज हाईकोर्ट में हुई सुनवाई! अब 19 नवंबर को होगी अगली सुनवाई!
- प्रदेश के विभिन्न भर्ती आयोग / चयन बोर्ड के चयन प्रक्रिया को पारदर्शी एवं शुचितापूर्ण ढंग से कराए जाने संबंधित दिशा-निर्देश दिए जाने के संबंध में।
अव तक के परीक्षण में 100 से अधिक वित्तविहीन विद्यालय मिले
के आधार पर मान्यता प्रत्याहरण की कार्यवाही की जाएगी। यूपी बोर्ड की परीक्षा के लिए केंद्र बनाने की प्रक्रिया चल रही है। विद्यालयों की आधारभूत सूचनाओं का भौतिक सत्यापन यूपी बोर्ड सचिव ने तहसील स्तरीय समिति के परीक्षण के बाद अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिवों, उप सचिवों एवं सहायक सचिवों के माध्यम से कराया। केंद्र निर्धारण के पहले विद्यालयों में छात्र संख्या पर विशेष फोकस किया जा रहा है, ताकि केंद्र निर्धारित करते समय उस विद्यालय में उसकी धारण क्षमता से अधिक छात्र-छात्राओं का केंद्र न बन सके।