प्रयागराज उत्तर प्रदेश माध्यमिक परिषद (यूपी बोर्ड) ने ऐसे मान्यता प्राप्त वित्तविहीन विद्यालयों विरुद्ध कार्रवाई की तैयारी की है, जिनमें पिछले दो वर्ष में किसी छात्र ने प्रवेश नहीं लिया है। वर्ष 2025 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया के बीच कई ऐसे वित्तविहीन विद्यालय सामने आए, जिनमें छात्र संख्या शून्य थी। ऐसे विद्यालयों यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह परीक्षण करा रहे हैं। अब तक सौ से अधिक ऐसे विद्यालय मिले हैं। यह संख्या अभी और बढ़नी तय है। ऐसे विद्यालयों के मान्यता प्रत्याहरण के नोटिस जारी की जाएगी। जवाब
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- आठवीं तक के स्कूल 11 तक बंद
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- लेखपाल के 7,994 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जल्द
- आंगनबाड़ियों में पढ़ने वाले बच्चों को भी कूली विद्यार्थियों की तरह मिलेगी पहचान
अव तक के परीक्षण में 100 से अधिक वित्तविहीन विद्यालय मिले
के आधार पर मान्यता प्रत्याहरण की कार्यवाही की जाएगी। यूपी बोर्ड की परीक्षा के लिए केंद्र बनाने की प्रक्रिया चल रही है। विद्यालयों की आधारभूत सूचनाओं का भौतिक सत्यापन यूपी बोर्ड सचिव ने तहसील स्तरीय समिति के परीक्षण के बाद अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिवों, उप सचिवों एवं सहायक सचिवों के माध्यम से कराया। केंद्र निर्धारण के पहले विद्यालयों में छात्र संख्या पर विशेष फोकस किया जा रहा है, ताकि केंद्र निर्धारित करते समय उस विद्यालय में उसकी धारण क्षमता से अधिक छात्र-छात्राओं का केंद्र न बन सके।