प्रयागराज उत्तर प्रदेश माध्यमिक परिषद (यूपी बोर्ड) ने ऐसे मान्यता प्राप्त वित्तविहीन विद्यालयों विरुद्ध कार्रवाई की तैयारी की है, जिनमें पिछले दो वर्ष में किसी छात्र ने प्रवेश नहीं लिया है। वर्ष 2025 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया के बीच कई ऐसे वित्तविहीन विद्यालय सामने आए, जिनमें छात्र संख्या शून्य थी। ऐसे विद्यालयों यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह परीक्षण करा रहे हैं। अब तक सौ से अधिक ऐसे विद्यालय मिले हैं। यह संख्या अभी और बढ़नी तय है। ऐसे विद्यालयों के मान्यता प्रत्याहरण के नोटिस जारी की जाएगी। जवाब

- अंत:जनपदीय/अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण
- Gold Price: तो क्या 1.30 लाख रुपये हो जाएगा सोना? ट्रेड वॉर और मंदी की आशंका से बढ़ेगी कीमत
- परिषदीय उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों (कक्षा 6-8) में ग्रीष्मकालीन शिविर (समर कैम्प) आयोजित किये जाने के सम्बन्ध में विस्तृत आदेश जारी
- मौसम विभाग ने जारी किया पूर्वानुमान, आगामी 3 दिनों तक इन जिलों में आंधी व बारिश का अलर्ट
- आज पदोन्नति में टीईटी की अनिवार्यता मामले पर राहुल पाण्डेय की SPLAD 371/2024 की सुनवाई हुई, पढ़ें आज का सार
अव तक के परीक्षण में 100 से अधिक वित्तविहीन विद्यालय मिले
के आधार पर मान्यता प्रत्याहरण की कार्यवाही की जाएगी। यूपी बोर्ड की परीक्षा के लिए केंद्र बनाने की प्रक्रिया चल रही है। विद्यालयों की आधारभूत सूचनाओं का भौतिक सत्यापन यूपी बोर्ड सचिव ने तहसील स्तरीय समिति के परीक्षण के बाद अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिवों, उप सचिवों एवं सहायक सचिवों के माध्यम से कराया। केंद्र निर्धारण के पहले विद्यालयों में छात्र संख्या पर विशेष फोकस किया जा रहा है, ताकि केंद्र निर्धारित करते समय उस विद्यालय में उसकी धारण क्षमता से अधिक छात्र-छात्राओं का केंद्र न बन सके।