उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने अपने वार्षिक कैलेंडर में 15 भर्तियों के आयोजन की योजना बनाकर 12 परीक्षा प्रक्रियाएं संपन्न करा चुका है। पीसीएस-2024 की परीक्षा 22 दिसंबर को प्रस्तावित कर दी है, लेकिन आरओ-एआरओ-2023 की प्रारंभिक परीक्षा को लेकर स्थिति अनिश्चित बनी हुई है।
आयोग के सामने सबसे बड़ी चुनौती आरओ-एआरओ परीक्षा का आयोजन इस वर्ष कराना है, जिसकी संभावना कम दिख रही है।
आयोग के कैलेंडर में 15 परीक्षाओं में 12 का ही हुआ आयोजन
- पीएमश्री विद्यालयों की छात्राएं सीखेंगी आत्मरक्षा के गुर
- रिक्शा चालक को फर्जी शिक्षक बता भेजी 51 लाख की रिकवरी नोटिस
- पांचवीं व आठवीं में अनुत्तीर्ण छात्रों को अगली कक्षा में प्रवेश नहीं,➡️ 15 वर्ष पहले बनी थी नीति गुणवत्ता में आई कमी
- प्राइमरी की परीक्षाएं आज से और प्रश्न पत्र छपे नहीं ➡️बीईओ ने व्हाट्सऐप पर प्रश्न पत्र वायरल किए
- स्कूली इमारतों की जांच न करने पर हाईकोर्ट हैरान
पीसीएस-प्री 22 दिसंबर को आरओ-एआरओ की उम्मीद कम
गाइडलाइन के अनुसार, इस परीक्षा के लिए निर्धारित केंद्रों की संख्या जुटाना बड़ी चुनौती बना हुआ है। आयोग ने 2387 केंद्रों पर आरओ एआरओ की परीक्षा एक दिवस में कराई थी, जो प्रश्नपत्र लीक होने के कारण रद कर दी गई थी। अब पुनर्परीक्षा भी एक दिवस में कराने के लिए इतने ही केंद्रों की जरूरत
होगी। 10.76 लाख अभ्यर्थियों की संख्या को देखते हुए केंद्र निर्धारण की गाइडलाइन के क्रम में केंद्रों का निर्धारण कठिन हो गया है।
दूसरी ओर, पीसीएस परीक्षा के लिए 5.76 लाख अभ्यर्थियों के लिए 1758 केंद्रों की आवश्यकता है, लेकिन पीसीएस को विशिष्ट परीक्षा मानते हुए केंद्र निर्धारण की गाइडलाइन में कुछ छूट दी गई है, जिससे यह थोड़ा आसान हो गया है। आरओ-एआरओ के लिए केंद्रों की संख्या इतनी अधिक होगी कि आयोग के लिए इन्हें एक दिन में निर्धारित करना आसान नहीं है।