लखनऊ, उत्तर प्रदेश के 15 पीसीएस अधिकारी जल्द ही आईएएस बनने वाले हैं। इसमें वर्ष 2002, वर्ष 2004, वर्ष 2006 और वर्ष 2008 बैच के पीसीएस अधिकारियों के नामों पर चर्चा होगी। नियुक्ति विभाग द्वारा 15 पदों के लिए कुल 46 नाम भेजे गए हैं।
संघ लोक सेवा आयोग से अनुमति पर विभागीय पदोन्नति कमेटी (डीपीसी) की बैठक होगी। इसमें एक-एक नामों पर विचार किया जाएगा। माना जा रहा है कि पिछले कुछ सालों की तरह इस बार भी लखनऊ में ही पदोन्नति के लिए डीपीसी हो सकती है।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2023 के लिए सलेक्ट लिस्ट में 10 रिक्तियां दी हैं। इसके अलावा पांच पद पिछले साल के खाली हैं। इसलिए कुल आईएएस के 15 पदों के लिए पदोन्नतियां दी जाएंगी। नियुक्ति विभाग ने इन 15 पदों के लिए एक-एक नामों पर विचार करते हुए प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव में उन नामों को भी भेजा गया है, जिनके नाम पर पिछले वर्ष भी डीपीसी में विचार किया गया था, लेकिन सहमति नहीं बन पाई थी।
इनमें कुछ नाम ऐसे भी हैं, जिनके खिलाफ किसी तरह की जांच चल रही थी और उन्हें पदोन्नति नहीं मिल पाई थी।
इनके नामों पर हो सकता है विचार
बताया जा रहा है कि इस बार डीपीसी में वर्ष 2002 की अंजू कटियार, वर्ष 2004 के अमर पाल सिंह, वर्ष 2006 के साथ वर्ष 2008 आलोक कुमार वर्मा, बलराम सिंह, भानु प्रताप यादव, दयानंद प्रसाद, देवी प्रसाद पाल, गुलाब चंद्र व जयनाथ यादव के नाम पर विचार किया जाएगा। इसके साथ अंजू लता, राजेश कुमार सिंह, राम सुरेश वर्मा, रणविजय सिंह, विधान जायसवाल, विनोद कुमार गौर व शैलेंद्र कुमार भाटिया के नाम पर विचार किया जाएगा। माना जा रहा है कि वरिष्ठता के आधार पर वरियता क्रम से ऊपर वालों के नामों पर विचार-विमर्श के बाद सहमति बन सकती है, जिनके खिलाफ जांच चल रही है, उनके नाम बाहर कर दिए जाएंगे।