नई दिल्ली, । आयकर विभाग ने भारतीय निवासियों से यह आग्रह किया है कि वे विदेशी संपत्तियों की जानकारी देने के लिए सही आईटीआर फॉर्म दाखिल करें। यदि उन्होंने गलत फॉर्म जमा किया है तो अपने रिटर्न को संशोधित करें। संशोधित आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2024 है।
अभियान शुरू किया विभाग ने हाल ही में करदाताओं को अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) में अनुसूची विदेशी संपत्ति (अनुसूची एफए) को सही ढंग से भरने और विदेशी स्रोतों (अनुसूची एफएसआई) से आय के बारे में बताने के लिए आकलन वर्ष 2024-25 के लिए अनुपालन-सह-जागरूकता अभियान शुरू किया है।

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इन्हें संशोधित फॉर्म भरना होगा सीबीडीटी में आयुक्त (जांच) शशि भूषण शुक्ला के मुताबिक, जिनके पास ऐसी संपत्ति या आय है, लेकिन उन्होंने आईटीआर-1 या आईटीआर-4 दाखिल किया है, उन्हें कालाधन विरोधी कानून के तहत निर्धारित दंड और अभियोजन से बचने के लिए 31 दिसंबर तक संशोधित या विलंबित रिटर्न दाखिल करना होगा।
10 लाख तक का जुर्माना विभाग ने करदाताओं को चेतावनी दी है कि यदि वे अपनी विदेशी में रखी हुई संपत्ति से अर्जित आय का आईटीआर में खुलासा नहीं करते हैं तो उन पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
कौन सा फॉर्म भरें करदाता
विभाग के मुताबिक, करदाता को अनुसूची विदेशी संपत्ति (अनुसूची एफए) को सही ढंग से दर्शाने के लिए अपने टैक्स प्रोफाइल के अनुसार आईटीआर-2 अथवा आईटीआर-3 का उपयोग करना चाहिए।
विदेशी संपत्तियों में क्या-क्या शामिल
विभाग के अनुसार, सभी भारतीय निवासियों को अपनी विदेशी परिसंपत्तियों की घोषणा करना आवश्यक है। इसमें अचल संपत्ति, बैंक खाते, शेयर, डिबेंचर, बीमा पॉलिसी या कोई अन्य वित्तीय परिसंपत्तियां शामिल हो सकती हैं।