प्रयागराज, । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य कृषि सेवा भर्ती 2024 की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर आयोग को याची अभ्यर्थियों के प्राप्तांक पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही याचियों से आपत्ति दाखिल करने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने देवेश वत्स व दो अन्य की याचिका पर अधिवक्ता सिद्धार्थ खरे व अनुराग कुमार ओझा ओर आयोग के अधिवक्ता एमएन सिंह को सुनकर दिया है।
- डी०एल०एड० (बी०टी०सी०) प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर परीक्षा अगस्त 2024 के अंकानुसंधान हेतु ऑनलाइन आवेदन पूरित किये जाने के सम्बन्ध में।
- लखनऊ में सभी तरह के धरना प्रदर्शन पर रोक, 12 जनवरी तक BNS की धारा 163 लागू
- 16 नवंबर को जनपद में कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेला का रहेगा अवकाश , देखें आदेश
- ज्ञापन : बेसिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश नियंत्रणाधीन विद्यालयों में कार्यरत भारांक रहित शिक्षकों के अंतर्जपदीय स्थानांतरण हेतु नीति में परिवर्तन का अनुरोध विषयक
- बेसिक शिक्षा परिषद् के अधीन कार्यरत् शिक्षक/ शिक्षिका / कर्मचारी के निलम्बन, जांच प्रक्रिया एवं निलम्बन से बहाली के सम्बन्ध में
याचिका के अनुसार लोक सेवा आयोग ने 10 अप्रैल 2024 को राज्य कृषि सेवा भर्ती का विज्ञापन निकाला। याचियों ने इस भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा दी। कहा गया है कि विज्ञापन की शर्तों के अनुसार मुख्य परीक्षा के लिए एक पद के सापेक्ष 15 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया जाना चाहिए लेकिन एक पद पर साढ़े सात के अनुपात में 2029 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं जबकि नियमानुसार 4020 अभ्यर्थियों को सफल घोषित करना चाहिए था।
आयोग के अधिवक्ता ने कहा कि भर्ती की शर्त है कि सामान्य श्रेणी के लिए 40 प्रतिशत व आरक्षित श्रेणी के लिए 35 प्रतिशत अंक पाना अनिवार्य है।