PAN 2.0 Project:केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज सोमवार को कई अहम फैसले लिए गए। मोदी कैबिनेट की बैठक में सोमवार को PAN 2.0 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई। सरकार ने सोमवार को 1,435 करोड़ रुपये की ‘पैन 2.0’ परियोजना शुरू करने की घोषणा की। इसका उद्देश्य स्थायी खाता संख्या (पैन) को सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल सिस्टम के लिए ‘कॉमन बिजनेस आइडेंटिफायर’ बनाना है।
- वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ को मंजूरी
- TheTeacherApp: शिक्षकों के लिए द टीचर एप लॉन्च, इस लिंक से करें डाउनलोड
- कस्तूरबा विद्यालयों में निकली नौकरियां, देखें विज्ञापन
- केंद्र में सेवारत होने से राज्य में भी नौकरी पाने का हक नहीं
- सीआईएससीई: 12वीं की 13 तो 10वीं की परीक्षा 18 फरवरी से.
क्या है डिटेल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में 1,435 करोड़ रुपये की लागत के साथ आयकर विभाग की पैन 2.0 परियोजना को मंजूरी दी गई। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले की जानकारी दी। बयान के मुताबिक, QR कोड के साथ परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) को मुफ्त में अपग्रेड किया जाएगा। यानी मौजूदा पैन के नंबर को बदले बिना कार्ड एडवांस किए जाएंगे और इसके लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा।
यह परियोजना टैक्सपेयर्स रजिस्ट्रेशन सर्विसेज के टेक्नोलॉजी ड्राइवन ट्रांसफॉर्मेशन को सक्षम बनाती है। इसका उद्देश्य बेहतर क्वालिटी के साथ पहुंच में आसानी और सेवा का त्वरित वितरण है।
क्या हैं इसके फायदे
पैन 2.0 परियोजना के अन्य लाभ में आंकड़ों का सिंगल सोर्स और उनमें एकरूपता; पर्यावरण-अनुकूल प्रक्रियाएं और लागत अनुकूलन और अधिक चपलता के लिए बुनियादी ढांचे की सुरक्षा एवं अनुकूलन शामिल हैं। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, पैन 2.0 परियोजना निर्दिष्ट सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए सामान्य पहचानकर्ता के रूप में पैन के उपयोग को सक्षम बनाएगी जो डिजिटल इंडिया में निहित सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
यह परियोजना टैक्सपेयर्स के बेहतर डिजिटल अनुभव के लिए पैन/टैन सेवाओं के प्रौद्योगिकी-संचालित रूपांतरण के जरिये करदाता पंजीकरण सेवाओं की व्यावसायिक प्रक्रियाओं को फिर से तैयार करने के लिए लाई गई एक ई-गवर्नेंस परियोजना है। बयान के मुताबिक, यह मौजूदा पैन/टैन 1.0 ढांचे का उन्नत रूप होगा जो मुख्य और गैर-मुख्य पैन/टैन गतिविधियों के साथ पैन सत्यापन सेवा को भी एकीकृत करेगा। वर्तमान में लगभग 78 करोड़ पैन जारी किए गए हैं। इनमें से 98 प्रतिशत पैन व्यक्तिगत स्तर पर जारी किए गए हैं।