परिषदीय स्कूलों में छात्रों को कुपोषण से बचाने के लिए सेहत की खुराक नवंबर से हर बृहस्पतिवार को दी जा रही है, लेकिन बजट फाइलों में दब गया है। स्कूल के प्रधानाचार्य को बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी फरमान जारी हुआ है कि छात्रों को हर बृहस्पतिवार चिक्की, भुने हुआ चना, गजक, रामदाना के लड्डू का वितरण करें। बजट नहीं मिलने से स्कूलों के प्रधानाचार्य परेशान हैं। उनका कहना है कि फरमान तो विभाग की ओर से जारी कर दिया गया, लेकिन बजट आने के बाद भी नहीं दिया गया। यदि प्रधानाचार्य के पास इन सामग्री को बांटने के लिए पैसे ना हों तो उन पर विभाग की ओर से कार्रवाई का डर दिखाया जा रहा है।
प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि एक घंटे की पढ़ाई के बाद छात्रों को सप्लीमेंट की खुराक दी जानी है। इसके तहत विभाग को बजट भी जारी हो गया। विभाग की लापरवाही के कारण अभी तक प्रधानाचार्य के एमडीएम के खाते में पैसे नहीं भेजे गए। अब शिक्षकों पर दबाव बनाया जा रहा है कि हर हफ्ते अपने पैसों से सप्लीमेंट छात्रों को बांटे। सप्लीमेंट नहीं बांटे जाने पर कार्रवाई करने का डर दिखाया जा रहा है।
एक प्रधानाचार्य ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनके यहां 200 छात्र नामांकित हैं। प्रतिदिन करीब 170 छात्र आते हैं। उनके लिए हर सप्ताह 700 से 800 रुपये का सप्लीमेंट मंगाया जा रहा है। एक महीने में करीब 3500 रुपये अपनी जेब से खर्च करने पड़ेंगे। विभाग की ओर से कब पैसे खाते में भेजे जाएंगे यह किसी को भी नहीं पता है। जब सब प्रधानाचार्य को ही करना है तो विभाग वाहवाही क्यों लूट रहा है।
छात्रों को कुपोषण से बचाने के लिए पीएम पोषण योजना के तहत छात्रों को सप्लीमेंट बांटा जा रहा है। मिड डे मिल के साथ छात्रों को यह खुराक नवंबर माह के पहले बृहस्पतिवार से मार्च 2025 के आखिरी बृहस्पतिवार तक दी जाएगी। चारों ब्लॉक के 511 स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 85 हजार छात्रों पर हर बृहस्पतिवार पांच रुपये के हिसाब से खर्च किए जाएंगे। इसके लिए सरकार की ओर पहली किस्त के रूप में 10 लाख 80 हजार रुपये भी मिल चुके हैं।
जिलाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ प्रवीण शर्मा ने बताया कि जब यहां स्कूलों में एनजीओ मिड डे मिल देते हैं तो सप्लीमेंट भी उन्हीं से बंटवाया जाए। शिक्षकों की ओर से सप्लीमेंट बांटने से शैक्षिक गुणवत्ता पर भी प्रभाव पड़ रहा है। जिला मंत्री प्राथमिक शिक्षक संघ गजन भाटी ने बताया कि हर सप्ताह करीब 700 से 900 का खर्च प्रधानाचार्य उठा रहे हैं। विभाग की ओर से अभी तक बजट जारी नहीं किया गया है। सप्लीमेंट नहीं बांटने पर कार्रवाई का डर दिखाया जा रहा है। बेसिक शिक्षा अधिकारी राहुल पंवार ने बताया कि सभी 511 स्कूलों के प्रधानाचार्यों के एमडीएम के खातों में करीब 10 लाख 80 हजार रुपये भेज दिए गए हैं। देर रात तक पैसे पहुंच जाएंगे।