ज्ञानपुर। कई परिषदीय स्कूलों में गुणवत्ताविहीन खेल सामग्री की खरीद की गई है, जिससे वह समय से पहले ही खराब होने लगी है। समिति की जांच में भी यह मामला सामने आ चुका है। अभी तक 100 से अधिक विद्यालयों ने खेल सामग्री की खरीद भी नहीं की है। जिसको लेकर विभाग ने नाराजगी भी जताई।
जिले में 885 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। बेसिक शिक्षा विभाग एक ओर जहां परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन की गुणवत्ता को लेकर गंभीर है, तो दूसरी तरफ शारीरिक और मानसिक विकास पर भी नजर है। इसी क्रम में शासन ने मार्च में परिषदीय स्कूलों में खेलकूद सामग्री के लिए धनराशि जारी किया।
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जिसमें प्राथमिक विद्यालयों को पांच हजार जबकि उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों को दस- दस हजार रुपये जारी किए गए। धीरे-धीरे करीब सात महीने से अधिक का समय गुजर गया, लेकिन अब तक 100 से अधिक विद्यालयों में सामग्री की खरीद नहीं हो सकी है।
गठित टीम की ओर से की गई जांच में भी खेल सामग्री के गुणवत्ता में भी कमियां सामने आई हैं। सस्ते दर पर खरीदी गई खेल सामग्री समय से पहले ही खराब होने लगी है। प्राथमिक स्कूलों को 11 जबकि जूनियर स्तर पर 16 प्रकार की खेल सामग्री खरीदी जानी थी। इससे विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को पारंपरिक खेलों खो-खो, कबड्डी, फुटबाल, वॉलीबॉल, हैंडबॉल के साथ ही एथलेटिक्स, बैडमिंटन, शतरंज व कैरम आदि में दक्ष बनाया जाना है।
गठित की गई है तीन सदस्यीय टीम
ज्ञानपुर। स्कूलों में खेल सामग्री के गुणवत्ता की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है। जिसमें ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी, एक जिला समन्वयक और व्यायाम शिक्षक शामिल हैं। गठित टीमें स्कूलों में सत्यापन कर रही हैं। 200 से अधिक स्कूलों की रिपोर्ट आ चुकी है, जबकि शेष की आनी है। संवाद
खेल सामग्री के सत्यापन का कार्य चल रहा है। शिक्षक सामग्री की खरीद कर रहे हैं। कुछ स्कूलों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर स्थानों पर खरीद हो चुकी है। कमियां मिलने पर हेडमास्टर से जवाब-तलब किया जाएगा। भूपेंद्र नारायण सिंह, बीएसए