शिक्षकों की मनमानी पर कार्रवाई की तैयारीः डीएम ने गठित की जांच टीम, शीघ्र रिपोर्ट देने के दिए निर्देश
उन्नाव के दो सरकारी स्कूलों में अधिकारियों की लापरवाही और शिक्षिकाओं की मनमानी को लेकर जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया है। जिलाधिकारी ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम न्यायिक प्रज्ञा पांडेय, डीडीओ संजय पांडेय और डीपीआरओ शाश्वत आनंद सिंह की एक जांच टीम गठित की है। टीम को इन मामलों की शीघ्र रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों और शिक्षिकाओं की शिकायतें सामने आने के बाद डीएम ने इन मामलों में जांच के आदेश दिए हैं। खासकर टीकरगढ़ी और दरियापुर के स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ी कमियां पाई गई हैं।
टीकरगढ़ी उच्च प्राथमिक विद्यालय में मिली गंभीर कमियां
बिछिया ब्लॉक के टीकरगढ़ी उच्च प्राथमिक विद्यालय में इंचार्ज शिक्षिका की मनमानी को लेकर राज्य बाल संरक्षण आयोग समिति के सदस्य श्याम त्रिपाठी ने जांच की। इस जांच में यह तथ्य सामने आया कि शिक्षिका ने मेडिकल अवकाश के तहत 365 दिन की छुट्टी के बजाय 400 दिन का अवकाश लिया। इसके अलावा, स्कूल में 8 महीने से मध्याह्न भोजन (MDM) नहीं दिया जा रहा था, बच्चों की संख्या में कमी थी, और स्कूल के लिए कंपोजिट ग्रांट से व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं किया गया था। इसके अलावा, खेल किट की खरीद भी नहीं की गई थी। समिति ने इन गंभीर मुद्दों की रिपोर्ट प्रमुख सचिव, महानिदेशक, संयुक्त निदेशक और डीएम को भेजने का दावा किया है। बीएसए ने इस रिपोर्ट के आधार पर
अगस्त में हुई जांच को गंभीरता से लिया और इंचार्ज शिक्षिका अगस्त में हुई जांच को गंभीरता से लिया और इंचार्ज शिक्षिका सहित तीन अन्य शिक्षिकाओं को निलंबित कर दिया है।शिक्षिका की छुट्टियों का रिकॉर्ड
नवाबगंज के दरियापुर प्राइमरी स्कूल में तैनात शिक्षिका सादमा जैदी ने 2010 में नौकरी जॉइन की थी और 2014 से अब तक 552 मेडिकल अवकाश और 1725 असाधारण अवकाश ले चुकी हैं। इसमें 301 दिन का असाधारण अवकाश बीएसए द्वारा स्वीकृत किए जाने का खुलासा हुआ है। 2020-2021 में वह 2 नवंबर से 26 अगस्त तक निलंबित भी रही थीं।
समिति की जांच में प्रधान शिक्षिका नसरीन बानो ने स्वीकार किया कि सादमा जैदी के स्कूल न आने की वजह से बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही थी। इससे पहले, बीईओ को शिकायत पत्र भी दिया गया था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी। ग्राम प्रधान गुड्डू ने बताया कि उन्होंने सादमा जैदी के खिलाफ दो बार बीएसए को शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अवैतनिक और असाधारण अवकाश पर कड़ी निगरानी सूत्रों के मुताबिक, शासन ने अब अवैतनिक अवकाश की व्यवस्था को समाप्त कर दिया है, जो पहले अध्यन के लिए 5 साल और फिर 2 साल का दिया जाता था। परिषदीय शिक्षकों के असाधारण अवकाश पर कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है, जिससे शिक्षक इसे अपनी सुविधा के अनुसार लेते रहे हैं। अब शासन ने इस पर कड़ी निगरानी रखने का निर्णय लिया है, ताकि भविष्य में इस तरह की मनमानी से बचा जा सके।