उन्नाव। टीकरगढ़ी उच्च प्राथमिक स्कूल में शिक्षकों ने
कारनामा कर दिया। साल में 365 दिन होने के बाद भी को 400 दिनों का सीसीएल और मेडिकल ले लिया। राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य की जांच में इसका खुलासा हुआ। स्कूल में आठ महीने से एमडीएम नहीं बना। कक्ष का ताला तुड़वाया तो उसमें खाद्यान्न सड़ा मिला। मौके पर अधिकारियों को बुलाकर हकीकत से रूबरू कराया। बीएसए को कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही रिपोर्ट प्रमुख सचिव को देने के लिए कहा।
बिछिया ब्लॉक के टीकरगढ़ी में संचालित उच्च प्राथमिक स्कूल में प्रधानाध्यापिका अल्का सिंह, मंजू सहित तीन शिक्षकों की तैनाती है। यहां सालों से चले आ – रहे शिक्षकों के विवाद के चलते पढ़ाई व्यवस्था धड़ाम – है। इसकी शिकायत राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य श्यामपति त्रिपाठी को हुई तो वह शनिवार सुबह विद्यालय पहुंचे। मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट राजीव राय, बीएसए संगीता सिंह आदि अधिकारियों को बुलाया।
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बताया गया कि सप्ताह में हर बुधवार को होने वाली शिक्षा समिति की बैठक चार महीने से नहीं हुई। अभिलेख चेक किए तो और चौकाने वाली बात सामने आई। 365 दिनों का साल होने के बाद भी तीनों शिक्षकों का 400 दिनों का सीसीएल और मेडिकल लीव चढ़ा मिला। वह कैसे दिया गया, इस पर अधिकारी भी संदेह के घेरे में आ गए। सदस्य ने बीएसए से तीनों शिक्षकों का वेतन काटने के साथ तीनों को अलग-अलग स्कूलों में भेजने और सीसीएल और मेडिकल लीव में हुई गड़बड़ी की जांच कराने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि वह पूरी रिपोर्ट प्रमुख सचिव शिक्षा को देकर चल रहे घालमेल से अवगत कराएंगे। बीएसए संगीता सिंह ने बताया कि जांच में कमियां मिली हैं। सदस्य की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। एमडीएम प्रभारी रामजी के मुताबिक, ड्रमों में खाद्यान भरा था। कितना था अभी यह पता नहीं है।
बच्चों की कसम खिलाई तब सामने आई हकीकत
राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ने जब छात्रों से बात की तो पता चला कि एमडीएम नहीं बन रहा है। रसोइयों से पूछा तो वह गोलमोल जवाब देने लगीं। इस पर उन्हें बच्चों की कसम खिलाली गई तो हकीकत सामने आ गई। रसोइयों ने बताया कि अप्रैल महीने से स्कूल में एमडीएम ही नहीं बना। उन्होंने बंद कमरे का ताला तुड़वाया तो उसमें खाद्यान्न सड़ा मिला। यह देख उनका पारा चढ़ गया। सदस्य ने कोटेदार से कहकर ढाई क्विंटल खाद्यान्न की तत्काल उपलब्धता कराई। बीईओ विनोद पांडेय को सोमवार से एमडीएम बनवाने और गुणवत्ता की जांच करने के निर्देश दिए।
एक बार में छह माह का ही ले सकते हैं सीसीएल :
नौकरी मिलने के बाद पूरे सेवाकाल में
दो साल का सीसीएल (बाल्यकाल देखभाल अवकाश) मिलता है। यह भी दो बच्चों पर देय होता है। दूसरा बच्चा यदि 18 साल की आयु पूरी कर चुका है तो शिक्षक को वह भी नहीं दिया जाएगा। एक साथ अधिकतम छह माह का ही सीसीएल मिल सकता है। जबकि टीकरगढ़ी उच्च प्राथमिक विद्यालय में जो अभिलेखों में दर्शाया गया है उसमें एक साल (365 दिन) में 400 दिन का सीसीएल दिखाया गया है, जो जांच के घेरे में आ गया है।