रायबरेली। परख एप के जरिए ही 29 एवं 30 नवंबर को निपुण असेस्मेंट टेस्ट कराया जाएगा। तकनीकी खामियों के कारण ही परख एप पर सभी बच्चों का डेटा नहीं आया है जिससे परीक्षा के बाद ओएमआर शीट स्कैन करने में समस्या आएगी।
जिले में परिषदीय विद्यालयों की संख्या 2299 है। कक्षा एक से आठ तक 2.15 लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं। इन बच्चों का शैक्षिक स्तर परखने के लिए निपुण असेस्मेंट टेस्ट (एनएटी) 29 एवं 30 नवंबर को होना है। पहले दिन कक्षा एक से तीन तक और दूसरे दिन कक्षा चार से आठ तक के बच्चे टेस्ट देंगे।
बच्चों को प्रश्नपत्र दिए जाएंगे जिनके जवाब ओएमआर शीट पर देने होंगे। ओएमआर शीट परीक्षा समाप्त होने के दो घंटे के भीतर परख एप पर स्कैन करके अपलोड करनी होगी। विद्यालय के शिक्षक जैसे ही परख एप कक्षा अंकित करेंगे, उस कक्षा के सभी बच्चों की सूची आ जाएगी। बच्चे को उपस्थित दिखाते ही ओएमआर शीट स्कैन करने का विकल्प खुलेगा। जब परख एप पर नाम ही नहीं होगा तो ओएमआर शीट स्कैन करना संभव नहीं होगा।
पहले नाम नहीं थे, फिर हो गए डबल
उच्च प्राथमिक विद्यालय पूरे इन्छी में कुल 63 बच्चे पढ़ते हैं। कक्षा छह में 20 बच्चों के नाम लिखे गए हैं जिनमें से 17 बच्चों के नाम परख एप पर नहीं दिख रहे हैं। इस बावत शिकायत की गई तो सुधार होने के बजाए मुश्किल और बढ़ गई। प्रधानाध्यापक अभिषेक द्विवेदी ने बताया कि अब 16 बच्चों के नाम डबल दिखने लगे हैं। निपुण टेस्ट के बाद ओएमआर शीट कैसे स्कैन करेंगे। सुधार के लिए फिर चिट्ठी भेजी गई है।
कई बार शिकायत दर्ज की, समस्या नहीं हुई दूर
प्राथमिक विद्यालय गदियानी में कुल बच्चों की संख्या 31 है। कक्षा एक में आठ बच्चों की जगह महज तीन बच्चे ही परख एप पर दिख रहे हैं। यह समस्या प्रेरणा पोर्टल से आई है। अगर फिर से प्रेरणा पोर्टल पर बच्चों के नाम दर्ज करेंगे तो समस्या ज्यादा बढ़ जाएगी। शिक्षक आरबी सिंह ने बताया कि इस समस्या से कई बार विभागीय अधिकारियों और परियोजना को लिखित व मौखिक रूप से अवगत कराया लेकिन कोई हल नहीं निकला।
अफसर बोले, परख एप को करना होगा अपडेट
जिला समन्वयक (प्रशिक्षण) दीपक कुमार का कहना है कि निपुण असेस्मेंट टेस्ट की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। जिला स्तरीय कमेटी बन गई है। कंट्रोल रूम भी बनेगा। राही के खंड शिक्षा अधिकारी बृजलाल को बतौर नोडल जिम्मेदारी सौंपी गई है। परख एप को लेकर जो समस्या आ रही है, उसे दूर कराया जा रहा है। नोडल/बीईओ बृजलाल का कहना है कि परियोजना ने परख एप का अपडेट वर्जन लांच किया है। जिन विद्यालयों में बच्चों का पूरा डेटा नहीं दिख रहा है, वे सभी लोग परख एप अपडेट कर लें तो सभी बच्चों के नाम दिखने लगेंगे। यह भी देखें कि बच्चों का पंजीकरण प्रेरणा पोर्टल पर किया जा चुका है या नहीं। इसके बाद भी समस्या बनी रहती है तो अवगत कराएं ताकि परियोजना स्तर से समस्या दूर कराई जा सके।