नई दिल्ली, एजेंसी। देश में जिस तेजी से यूपीआई का इस्तेमाल बढ़ रहा है, उतनी ही रफ्तार से इससे जुड़े धोखाधड़ी के मामले ने भी पकड़ी है। आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि पिछले डेढ़ साल में साइबर जालसाजों ने यूपीआई धोखाधड़ी के जरिए लोगों के गाढ़ी कमाई के करीब 1500 करोड़ पर हाथ साफ कर दिए। यह रकम कई सरकारी योजनाओं से कहीं ज्यादा है। वित्त मंत्रालय द्वारा संसद में पेश किए गए आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है।
वित्त वर्ष 2022-23 के बाद से लेकर अब तक यूपीआई से जालसाजी के कुल 27 लाख मामले दर्ज किए गए। इसमें लोगों ने 2,145 करोड़ रुपये गंवाए। वहीं, 2ि023-24 की बात करें तो ठगों ने 1,087 करोड़ रुपए की चपत लगाई। इन मामलों में 85 तक की बढ़ोतरी हुई। सितंबर तक जालसाज 485 करोड़ रुपए पर हाथ साफ कर चुके हैं।
सरकार की तैयारी
आरबीआई ने केंद्रीय भुगतान धोखाधड़ी सूचना रजिस्ट्री लागू की है। एआई टूल की मदद से धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए इसे डिजाइन किया गया है।
करोड़ रुपये में
मामले लाख में
485
तमिलनाडु 663 करोड़ रुपये
महाराष्ट्र 391 करोड़ रुपयेकर्नाटक 243 करोड़ रुपये