नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने यूजीसी नेट परीक्षा में ‘आयुर्वेद जीव विज्ञान’ को नए विषय के रूप में शामिल करने का फैसला किया है। यूजीसी नेट दिसंबर 2024 की परीक्षा में छात्रों को इस नए विषय में परीक्षा देने का मौका मिलेगा।
यूजीसी नेट की परीक्षा में अभी तक 83 विषय थे। इसके साथ ही अब 84 विषयों में परीक्षा होगी। यूजीसी ने नए विषय का पाठ्यक्रम भी जारी कर दिया है।
यूजीसी अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने बताया कि यूजीसी नेट दिसंबर 2024 परीक्षा से आयुर्वेद जीव विज्ञान को
- नवीन माड्यूल अंगीकृत किए जाने के संबंध में
- जल्द तय हो सकता है आरओ परीक्षा का प्रारूप
- शिक्षा सेवा आयोग से भी ले सकेंगे टीजीटी 2011 जीवविज्ञान के साक्षात्कार पत्र
- प्रदेश को मिलेंगे 71 नए राजकीय डिग्री कॉलेज, होंगी बंपर भर्तियां
- छह जनवरी को होगा निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन
यूजीसी नेट की परीक्षा में अभी तक 83 विषय थे, अब 84 विषयों में परीक्षा होगी
एक विषय के रूप में जोड़ा गया है। दिसंबर 2024 से उम्मीदवार ज्ञान और आयुर्वेद के प्राचीन विज्ञान को बढ़ावा देने वाले इस विषय को चुन सकते हैं।
प्रोफेसर कुमार ने कहा कि जैसे-जैसे लोग प्राकृतिक और समग्र स्वास्थ्य देखभाल के लाभों के बारे में जागरूक हो रहे हैं तो आयुर्वेद -एलोपैथिक चिकित्सा के विकल्प के रूप में लोकप्रिय हो गया है।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को तेजी से आधुनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के साथ एकीकृत किया जा रहा है। इसलिए
हमें आयुर्वेद को समसामयिक विज्ञान के नजरिये समझना होगा।
आयुर्वेद जीव विज्ञान एक अनुशासन है, जिसका उद्देश्य जैविक विज्ञान में मुख्यधारा के समकालीन अध्ययनों के परिप्रेक्ष्य से आयुर्वेदिक और संबंधित विज्ञान के क्षेत्र में भारत के पारंपरिक ज्ञान के विशाल विस्तार का अध्ययन करना है।
यूजीसी नेट में एक पेपर के रूप में आयुर्वेद-जीव विज्ञान की शुरूआत, आयुर्वेद के संस्कृत ग्रंथों के इच्छुक छात्रों को समकालीन जैविक विज्ञान में अध्ययन और अनुसंधान के लिए प्रोत्साहित करेगी। आयुर्वेद-जीव विज्ञान में पीएचडी कार्यक्रम पूरा करने के बाद उम्मीदवार आगे भी शोध कर सकते हैं।