लखनऊ, । सचल दल और विशेष अनुसंधान शाखा (एसआईबी) में जुगाड़ के सहारे सालों साल से डटे राज्य कर अफसरों को हटाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। शासन स्तर पर सूची तैयार कराई जा रही है कि कौन अधिकारी सचल दल और एसआईबी में कितने सालों से तैनात है।
राज्य सरकार द्वारा दी गई व्यवस्था के मुताबिक सचल दल में एक साल और एसआईबी में दो साल ही अधिकारी तैनात रह सकते हैं। इसके बाद भी अधिकारी जोड़तोड़ के सहारे एक जोन से दूसरे जोन में सचल दल और एसआईबी में तैनात हो रहे हैं। यही कारण है कि चाहकर भी भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लग पा रही है। प्रमुख सचिव राज्यकर एम. देवराज इन दिनों रोजाना मुख्यालय, जोन और फील्ड में तैनात अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर रहे हैं। इस दौरान वसूली की समीक्षा की जा रही है। इसमें देखा जा रहा है कि वसूली तय लक्ष्य के आधार पर हो रही है या नहीं। यह भी बताया जा रहा है कि उच्च स्तर पर शिकायत मिली है कि सचल दल और एसआईबी में तैनात कुछ अधिकारी सरकार की छवि खराब कर रहे हैं। उनके द्वारा भ्रष्टाचार किया जा रहा है।बताया जा रहा है कि ये वही अधिकारी हैं, जो सालों से सचल दल और एसआईबी में जुगाड़ के सहारे नौकरियां कर रहे हैं। प्रमुख सचिव ने शासन के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिया है कि ऐसे अफसरों की तैनाती का पूरा ब्यौरा एकत्र किया जाए और यह देखा जाए कि कितने समय से वे तैनात हैं।
एक साल और दो साल की अवधि से अधिक समय वालों को हटाने का प्रस्ताव तैयार किया जाए।