नई दिल्लीः केंद्र सरकार की एक समिति ने शहरी नियोजन में सुधार – के लिए केंद्र, राज्य और जिला स्तर 50,000 अधिकारियों के प्रशिक्षण की सिफारिश की है। इसके लिए – प्रधानमंत्री के स्तर पर नेशनल अर्बन ओरिएंटेशन प्रोग्राम शुरू करने का सुझाव दिया गया है।
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा शहरी ढांचे में सुधार – के लिए गठित कार्य समूहो को इस सिफारिश पर भी ध्यान देना है। एक अहम सिफारिश भारतीय प्रशानसिक सेवा की तरह अखिल भारतीय शहरी नियोजन सेवा के गठन की भी है। इन अधिकारियों को ही शहरी नियोजन अधिकारी के रूप में नियुक्त करने का सुझाव दिया गया है। वहीं, एक स्वायत्त राष्ट्रीय शहरी और क्षेत्रीय नियोजन प्राधिकरण भी गठित किया जाए, जो सभी मंत्रालयों, विभागों
आइएएस की तरह शहरी नियोजन सेवा के गठन का भी दिया सुझाव
• नीति आयोग की तरह बने नियोजन प्राधिकरण
और एजेंसियों को दिशा-निर्देश देने के लिए नीति आयोग की तरह सर्वोच्च तकनीकी सलाहकार संस्था होगी। विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में बताया गया है कि शहरी नियोजन व्यापक राष्ट्रीय योजना के जरिये ही शुरू हो सकता है ताकि इस क्षेत्र में नेतृत्व कौशल और क्षमता निर्माण उत्पन्न हो सके। केंद्र को सुझाव दिया गया है कि राज्यों को जूनियर स्तर पर 2000, मध्य स्तर पर 850 और 350 बहुआयामी विशेषज्ञों की नियुक्ति के लिए पांच साल तक फंड दिया जाए। इनके प्रदर्शन के आकलन और निगरानी के लिए स्पष्ट मानक हों ताकि स्टाफ की कमी की गंभीर समस्या का समाधान किया जा सके।