फर्रुखाबाद: जिले में कक्षा 1 से लेकर 8 तक के 1576 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं. जिनमें करीब दो लाख बच्चे पढ़ रहे हैं. जिसमें से करीब 6 हजार बच्चों को पढ़ने के लिए विभागीय कर्मचारियों सहित शिक्षक तैनात हैं. परिषदीय विद्यालय के विद्यार्थियों की शिक्षा के स्तर में बेहतर सुधार हो सके इसके लिए जिला अधिकारी ने बड़ी पहल की है. जिलाधिकारी पिछले 2 महीने में 12 से अधिक सरकारी स्कूलों में जाकर शैक्षिक योगदान कर चुके हैं.
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इसके साथ ही जनपद के आलाधिकारियों को भी क्षेत्र भ्रमण के दौरान स्थानीय सरकारी स्कूल में कुछ घंटे पढ़ने के आदेश दिए हैं. इस पहल के पीछे यह मंशा है, कि अधिकारियों के लगातार स्कूलों में निरीक्षण और पढ़ने जाने के लिए चलते स्टाफ भी सक्रिय रहेगा. साथ ही स्कूल के बच्चों को भी कुछ नया और अच्छा सीखने को मिलेगा. जिलाधिकारी के आदेश पर सीडीओ,सीएमओ, एडीएम, एसडीएम,अतिरिक्त मजिस्ट्रेट, सहित कई अधिकारी परिषदीय विद्यालय में शैक्षिक कार्य करते नजर आ रहे हैं.
जिला अधिकारी डॉ वीके. सिंह जब भी तहसील या थाना समाधान दिवस में जाते हैं, तो उस क्षेत्र के किसी सरकारी स्कूल में निरीक्षण के साथ बच्चों को भी पढ़ाते हैं. जनपद में विभिन्न जगहों पर निरीक्षण के दौरान भी वह इस प्रक्रिया को अपनाते हैं. मंगलवार को जिलाधिकारी ने बढ़पुर ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय हुसैनपुर नौखंडा का निरीक्षण किया और व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के आदेश दिए. इसके साथ ही स्कूल के बच्चों को भी पढ़ाया. जिलाधिकारी ने कक्षा 8 के बच्चों को BODMAS का सिद्धांत पढ़ाया और गणित के सवाल हल कराए.
जिलाधिकारी के निर्देश पर जिले के आलाधिकारी ने भी निरीक्षण किया और क्षेत्र भ्रमण के दौरान परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाते दिखे. बूथों के निरीक्षण के दौरान एडीएम जब राजेपुर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय चपरा पहुंचे, तो निरीक्षण के साथ ही उन्होंने स्कूली बच्चों को भी घंटे भर पढ़ाया. ऐसी ही प्रक्रिया सीएमओ डॉ. अवनींद्र कुमार ने भी अपनाई. कमालगंज में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण करने के बाद सीएमओ ने प्राथमिक विद्यालय रजीपुर में पहुंचकर पढ़ाया.
शहर में सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण करने के दौरान भी सीएमओ बालपुर स्थित सरकारी स्कूल पहुंचे और बच्चों को पढ़ाया. स्कूल में एक बच्चे की नजर कमजोर मिलने पर कम होने तत्काल स्वास्थ्य टीम को बुलाकर उसका चश्मा भी बनवाया. आदित्य मजिस्ट्रेट एसडीएम सहित तहसील के अधिकारी भी क्षेत्र में भ्रमण के दौरान सरकारी स्कूल में पढ़ाते नजर आते हैं.