69000 शिक्षक भर्ती मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात को अभ्यर्थियों ने चुनावी मुलाकात बताया है, क्योंकि यह मामला प्रदेश सरकार का है इसमें प्रधानमंत्री की कोई भूमिका ही नहीं हैं। प्रदेश सरकार चाहे तो इस मामले का तत्काल समाधान हो सकता है।
आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने बयान जारी कर कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू कराने में हुई विसंगति को दूर करने का मामला विधानसभा उपचुनाव से पहले निकालने की बात बेमानी है। 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान भी ओबीसी समाज के कई नेता प्रधानमंत्री से मिले थे और हल निकाले जाने का आश्वासन दिया था।
- समस्त परिषदीय शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मियों का GPF बैलेंस मानव सम्पदा पोर्टल पर अपलोड किए जाने के सम्बन्ध में।
- Basic Shiksha: 26 दिसम्बर, 2024 को पूर्वाह्न 11:00 बजे से महत्वपूर्ण ऑनलाइन गोष्ठी (यू-ट्यूब सेशन) शिक्षकों समेत इन सभी कर्मचारियों/अधिकारियो की उपस्थिति अनिवार्य
- Primary ka master: BSA के उत्पीड़न/अत्याचार और तानाशाही के विरुद्ध आमरण अनशन पर बैठे BSA कार्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी
- छात्र-छात्राओं के समग्र प्रगति (रिपोर्ट कार्ड) तथा परीक्षा संबंधी प्राप्तांक का विवरण प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड किये जाने विषयक
- मानव सम्पदा पोर्टल के नवविकसित मॉड्यूल्स के सम्बन्ध में live यूट्यूब सेशन, देखें और समझें क्या हैं नए अपडेट
किंतु आज तक हल नहीं निकल पाया। यही कारण है कि हमें इस बार भी यकीन नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार यदि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को न्याय देना ही चाहते थे तो हाईकोर्ट डबल बेंच का फैसला आने पर क्यों नहीं दिए। उस समय प्रदेश सरकार और विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे रहे, मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। यूपी में उपचुनाव आया तो आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी याद आने लगे।
राहुल से मिलेंगे अभ्यर्थी
69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को रायबरेली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी से मिलेगा। अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे धनंजय गुप्ता ने बताया कि चयनित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी राहुल से मिलकर न्याय दिलाने की मांग करेंगे। वहीं सोमवार को अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल इस मामले में देवरिया में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल से भी मिला है।