गोरखपुर। परिषदीय स्कूलों में वार्षिक परीक्षा आने तक बच्चों की संख्या कम हो जाती है। परीक्षा के डर से बीच सत्र में बच्चे स्कूल जाना बंद कर देते हैं। स्कूल छोड़ने पर उनकी कोई खबर नहीं ली जाती है। इसे लेकर बेसिक शिक्षा विभाग ने नया नियम बनाया है। अब तीन दिन लगातार अनुपस्थित रहने वाले बच्चाें को चिह्नित कर स्कूल उनके घर बुलावा टोली भेजेगा। इसके बाद छह दिन तक लगातार स्कूल नहीं आने पर प्रधानाचार्य खुद बच्चाें के घर जाकर उनकी समस्या जानेंगे और उसे सुलझाने का प्रयास करेंगे।

- COMPOSIT GRANT 2024-25 RELEASE 75% : वर्ष 2024-25 में परिषदीय प्राथमिक विद्यालय / उच्च प्राथमिक विद्यालय / कम्पोजिट विद्यालयों में कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट की शेष धनराशि अवमुक्त एवं व्यय किये जाने के सम्बन्ध में।
- Report card fund release : बेसिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश के अधीन संचालित विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को वार्षिक परीक्षा/मूल्यांकन के उपरान्त रिपोर्ट कार्ड उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में।
- Good news: B.ED एवं M.ED 01 वर्षीय कोर्सेज सहित 09 टीचिंग कोर्सेज के लिए नए नियमों पर लगेगी मुहर
- Teacher diary: दिनांक 19 मार्च , 2025 कक्षा- 01, 02, 03, 04, 05 की भरी हुई शिक्षक डायरी , देखें
- पेंशनभोगी पाई-पाई के हुए मोहताज
बता दे कि बीते सत्र 2023-24 में जनवरी की रिपोर्ट के अनुसार जिले के परिषदीय विद्यालयाें में कुल 296,118 बच्चों का नाम दर्ज था जिसमें से 264575 बच्चे वार्षिक परीक्षा में शामिल हुए। शेष 31,543 बच्चों ने परीक्षा के पहले स्कूल छोड़ दी। इसके बाद इस सत्र में बच्चों का नामांकन बढ़ाने और उनकी संख्या परीक्षा तक स्थिर रखने के लिए विभाग ने नया कदम उठाया है। महानिदेशक स्कूल एवं शिक्षा कंचन वर्मा ने आदेश को पूरी तरह से लागू कर दिया है। विभाग बच्चों की कक्षा में 75 प्रतिशत उपस्थिति को लेकर भी गंभीर है।
शासन के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। बच्चों की पढ़ाई बीच में छूट जाने से उनकी पढ़ाई का नुकसान होता है। ऐसे में बुलावा टोली के जाने से बच्चों एवं अभिभावकों में पढ़ाई के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। बीच में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में भी कमी आएगी। इसे पूरा करने के लिए बीईओ सहित प्रधानाचार्य को निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
– रमेंद्र कुमार सिंह, बीएसए