कोर्ट ने शिक्षक के निलंबन पर लगाई रोक
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षक के निलंबन पर
अगले आदेश तक रोक लगा बीएसए से जवाब मांगा है। कहा है कि चार सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करें। यह आदेश अजय भनोट की अदालत ने घनश्याम दास यादव की याचिका पर दिया है। प्रयागराज निवासी शिक्षक घनश्याम दास यादव की पहली पत्नी ने बीएसए को शिकायती पत्र देकर दूसरी शादी करने का आरोप लगाया था। इस पर बीएसए ने 28 जून 2024 को आदेश जारी कर उन्हें निलंबित कर दिया। शिक्षक ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
- नवीन माड्यूल अंगीकृत किए जाने के संबंध में
- जल्द तय हो सकता है आरओ परीक्षा का प्रारूप
- शिक्षा सेवा आयोग से भी ले सकेंगे टीजीटी 2011 जीवविज्ञान के साक्षात्कार पत्र
- प्रदेश को मिलेंगे 71 नए राजकीय डिग्री कॉलेज, होंगी बंपर भर्तियां
- छह जनवरी को होगा निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन
वकील हिमांशू गोस्वामी, प्रभाकर अवस्थी ने दलील ने दी कि पहली पत्नी ने याची की दूसरी शादी के 30 साल व उसकी नियुक्ति के 24 साल बाद शिकायत की। याची अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य है। सेवाकाल में उसका कार्य एवं प्रदर्शन अच्छा रहा है। याची को यूपी सरकारी सेवक आचरण नियमावली के तहत निलंबित कर दिया गया है। यूपी बेसिक शिक्षा (शिक्षक) सेवा नियम के प्रावधान विभागीय अधिकारियों को द्विविवाह को माफ करने का विवेक देता है। अन्य कई दलीलें देते हुए निलंबन आदेश पर को रद्द करने की प्रार्थना की। ब्यूरो