प्रयागराज। यूपी बोर्ड के बनाए गए 7657 परीक्षा केंद्रों के खिलाफ प्रदेश से 7200 आपत्तियां आई हैं। अब जिला स्तरीय केंद्र निर्धारण समिति 23 नवंबर तक इसका निस्तारण करेगी। इसके बाद केंद्रों की अंतिम सूची जारी होगी।
बोर्ड ने परीक्षा केंद्र बनाने के लिए विद्यालयों में उपलब्ध संसाधन के अनुसार मानक निर्धारित किए हैं। इन मानकों के अनुसार विद्यालयों से 17 से 25 सितंबर तक आवेदन लिए गए थे।
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इसके बाद तहसील स्तरीय कमेटी ने मानकों की जांच की। जांच के बाद विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर ऑनलाइन केंद्र बनाए। इसमें राजकीय और एडेड विद्यालयों को
प्राथमिकता दी गई। पिछले वर्ष 8,265 केंद्र बनाए गए थे। इस बार नकल पर लगाम लगाने के लिए राजकीय और एडेड विद्यालयों में छात्र आवंटन की संख्या बढ़ा दी गई है।
इन विद्यालयों में 250 से 2000 बच्चों तक के केंद्र बनाए गए हैं, इसलिए पिछले वर्ष बने 608 विद्यालय केंद्र नहीं बनाए जा सके। सोमवार को बोर्ड ने 7657 परीक्षा केंद्रों की सूची जारी कर दी थी।
सूची जारी होने के बाद शिकायतों का दौर शुरू हो गया। कई विद्यालयों में मानकों के अनुसार संसाधन उपलब्ध नहीं है, फिर भी उनको केंद्र बना दिया गया है। वित्तविहीन
विद्यालयों के प्रधानाचायों ने ज्यादा शिकायतें की हैं।
उनकी आपत्ति है कि 20 से 25 किमी की दूरी पर केंद्र बनाए दिए गए हैं। मानक के अनुसार 12 किमी से
कम दूरी पर केंद्र बनाया जाना था। विद्यालय नहीं होने की स्थिति में 15 किमी दूर भी बनाया जा सकता है। छात्राओं का केंद्र सात किमी की परिधि वाले विद्यालय में ही दिया जाना है।
ऑनलाइन शिकायतें बृहस्पतिवार रात तक डीआईओएस के पोर्टल पर पहुंच गई हैं। इन शिकायतों के निस्तारण के लिए जिलास्तरीय कमेटी बनाई गई है। कमेटी जांच
करके 23 नवंबर इसका निस्तारण करेगी।
यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि 27 नवंबर तक जनपदीय केंद्र निर्धारण समिति से छात्र आवंटन सहित केंद्रों का अनुमोदन हो जाएगा। दो दिसंबर तक फिर से आने वाली आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा और सात दिसंबर तक केंद्र निर्धारण प्रक्रिया पूरी होगी।