निपुण भारत मिशन के तहत विभिन्न जिलों में आयोजित हो रही परीक्षा में बच्चों के व्यावहारिक पक्ष की समझ, समझकर पढ़ने और लेखन को भी मूल्यांकन का आधार बनाया गया है। समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय ने निपुण लक्ष्य में इस बार अहम बदलाव किया है। खास बात यह है कि राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा (एनसीएफ) के अनुरूप मूल्यांकन को विकसित किया गया है ताकि बच्चों का समग्र एवं वास्तविक मूल्यांकन हो सके।
उदाहरण के लिए कक्षा दो के छात्र की मौखिक भाषा दक्षता का मूल्यांकन कोई भी परिवेशीय या सुनी हुई छह पंक्तियों की कविता या गीत हाव-भाव के साथ सुनाने के आधार पर करेंगे। सरल शब्दों से बने छह से आठ वाक्यों के आयु उपयुक्त अज्ञात अनुच्छेद को उचित प्रवाह, स्पष्टता से पढ़ना और तीन तथ्यात्मक तथा एक उच्चस्तरीय प्रश्न का उत्तर देने के आधार पर पढ़ने की क्षमता का मूल्यांकन करेंगे।

पांच सरल शब्दों से बने चार वाक्यों को सुनकर लिखना पर लेखन कार्य, 99 तक की संख्या की गिनती, पहचान एवं तुलना और 99 तक की संख्याओं का जोड़ एवं घटाव करना (हासिल और बिना हासिल वाले सवाल) के आधार पर न्यूमेरिकल दक्षता परखेंगे।
भाषा और गणित में निर्धारित दक्षताओं पर 75 प्रश्नों के सही उत्तर देने पर विद्यार्थी को ह्यनिपुण विद्यार्थीह्ण घोषित किया जाएगा। परियोजना कार्यालय के वरिष्ठ विशेषज्ञ गुणवत्ता शिक्षा आनंद कुमार पांडेय के अनुसार एनसीएफ के परिप्रेक्ष्य में निपुण लक्ष्य में अहम बदलाव किए गए हैं।
अब मार्च 2027 तक हासिल करना होगा निपुण लक्ष्य
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प्री प्राइमरी से कक्षा तीन के बच्चों के निपुण लक्ष्य हासिल करने के लिए समयसीमा भी बढ़ा दी गई है। पहले मार्च 2026 तक निपुण बनाने का लक्ष्य तय किया गया था। इसे अब केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार मार्च 2027 तक बढ़ा दिया गया है।
97 प्रतिशत बच्चों ने दिया निपुण असेसमेंट टेस्ट
प्रयागराज। आठवीं तक के परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का परख एप के माध्यम से निपुण लक्ष्य/लर्निंग आउटकम पर आधारित आकलन निपुण असेसमेंट टेस्ट जिले में दो चरणों में मंगलवार को संपन्न हुआ। 25 नवंबर को प्रथम चरण में कक्षा एक से तीन और दूसरे चरण में मंगलवार को चार से आठ तक के बच्चों की दक्षता का आकलन किया गया। एक से तीन तक में कुल 137639 बच्चों के सापेक्ष 134069 (97.4) बच्चों ने प्रतिभाग किया। चार से आठ तक में कुल 210018 बच्चों के सापेक्ष 204768 (97.7) बच्चों ने प्रतिभाग किया। बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी के निर्देशन में खंड शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयकों, एसआरजी एवं एआरपी सक्रिय रहे।