प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि ‘नया शिक्षा चयन बोर्ड अभी लागू नहीं’ के आधार पर कार्यवाहक को प्रधानाचार्य का वेतन न देने का आदेश हतप्रभ करने वाला है। न्यायालय ने जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) कन्नौज के आदेश को रद्द कर याची को अभ्यावेदन पर छह सप्ताह में नया आदेश जारी का करने का निर्देश दिया।
- डीएलएड. द्वितीय और चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा अब मार्च माह के तीसरे सप्ताह में संपन्न होगी💥💯✅
- निरीक्षण में नौ हेडमास्टर सहित 71 अनुपस्थित मिले
- 30 सहायक अध्यापक मिले अनुपस्थित दो शिक्षामित्रों की सेवा समाप्त की गई
- आरटीई से 1800 बच्चों को प्रवेश
- एक करोड़ रुपये तक की प्रापर्टी पर महिलाओं को मिलेगी स्टांप छूट
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यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने कार्यकारी प्रधानाचार्य विनोद यादव की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची : ग़दर्श शिक्षा सदन इंटर कॉलेज अलीपुर, सौरिख में वरिष्ठ अध्यापक हैं। प्रधानाचार्य का पद रिक्त होने पर उन्हें कार्यकारी प्रधानाचार्य बनाया था। उन्होंने प्रधानाचार्य का वेतन देने के लिए अर्जी दी। डीआईओएस ने ‘पुराना कानून समाप्त हो गया है, नया कानून प्रभावी नहीं हुआ है’ कहते हुए अर्जी खारिज कर दी थी। व्यूरो