लखनऊ। राज्य सरकार स्थानीय निकायों में काम करने वाले अधिशासी अधिकारियों को बड़ी राहत देने जा रही है। उनकी सालों पुरानी मांग के मुताबिक 2800 के स्थान पर 4200 रुपये ग्रेड पे देने जा रही है। इसके लिए उच्च स्तर पर सहमति बन चुकी है और जल्द ही नगर विकास विभाग द्वारा शासनादेश जारी किया जाएगा। राज्य सरकार के इस फैसले से अधिशासी अधिकारियों को अपने अधीनस्थों से काम लेने में आसानी हो जाएगी। उनके अधीन आने वाले अवर अभियंताओं का ग्रेड पे 4200 रुपये उनसे अधिक होने से काम लेने में बाधा आ रही थी।
प्रदेश में मौजूदा समय 200 नगर पालिका परिषद और 545 नगर पंचायतें हैं। पालिका परिषद और नगर पंचायतों में विभागाध्यक्ष के रूप में अधिशासी अधिकारी को तैनात किया जाता है।
श्रेणी एक को छोड़ दिया जाए तो श्रेणी दो के अधिशासी अधिकारियों की तैनाती 2800 रुपये ग्रेड पे पर होती है, जबकि उनके अधीन काम करने वाले अवर अभियंता का ग्रेड पे 4200 रुपये होता है। इसके चलते अधिशासी अधिकारियों को अपने अधीनस्थनों से काम कराने में समस्या आ रही है। वे चाहते थे कि उनका भी न्यूनतम ग्रेड पे 2800 रुपये के स्थान पर 4200 रुपये कर दिया जाए। अधिशासी अधिकारियों का ग्रेड पे 4200 रुपये करने से नगर विकास विभाग के ऊपर भार आ रहा था।
इसके चलते इस पर फैसला नहीं हो पा रहा था। नगर विकास विभाग ने पिछले दिनों निकाय कर्मियों की सेवाओं को बेहतर करने के लिए उत्तर प्रदेश पालिका केंद्रीयत सेवा के विभिन्न संवर्गों के पुनरीक्षण किया गया है।
इसमें तर्क दिया गया है कि शहरी आबादी तेजी से बढ़ रही है। इसीलिए निकायों के ऊपर बेहतर शहरी सुविधाएं देने का दबाव भी बढ़ रहा है। वर्ष 2011 की जनगणना के समय शहरी आबादी 32 प्रतिशत थी। मौजूदा समय शहरी आबादी 40 प्रतिशत के आसपास हो रही है। शासन का मानना है कि अधिशासी अधिकारियों का ग्रेड पे 4200 हो जाने के बाद वेतनमान से वरिष्ठता को लेकर आए दिन होने वाला विवाद कम होगा और विकास का रास्ता खुलेगा।