नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने बुधवार को महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि ‘लाइट मोटर व्हीकल (एलएमवी) ड्राइविंग लाइसेंस वाला व्यक्ति 7,500 किलो से कम वजन वाले वाणिज्यिक वाहन चला सकता है। इसके लिए मोटर वाहन अधिनियम (एमवी एक्ट) के तहत अलग से विशेष अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।

- अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए मुख्य डाक्यूमेंट्स
- आज से पिछले 4 सत्र के छुटे हुए ITR निम्न पेनल्टी के साथ भरे जा सकते हैं इनकम 3 लाख से 5 लाख तक होने पर पेनल्टी मात्र ₹1000 लगेगी अब से लेकर पिछले AY 2021-22 तक का ITR भी भर सकते हैं।
- अल्पसंख्यक विद्यालयों में RTE एक्ट का प्रभाव एवं पदोन्नति में टीईटी की अनिवार्यता मामले की सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई दिनांक 03/04/2025 को
- उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ द्वारा आयोजित 58वाँ प्रान्तीय सम्मेलन के अवसर पर विशेष अवकाश स्वीकृत करने के संबंध में।
- सभी भर्तियों को मौका इसके साथ ही जो लोग सेवा काल को लेकर चिंतित थे, उनकी चिंता भी स्वतः ही समाप्त हो जाती है।
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, पी. एस. नरसिम्हा, पंकज मिथल और मनोज मिश्रा की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से यह फैसला दिया। हालांकि संविधान पीठ ने फैसले में साफ कर दिया कि विशेष पात्रता की आवश्यकता, उन वाहनों को चलाने के लिए लागू रहेगी, जिनमें खतरनाक सामानों की आवाजाही होती है। संविधान पीठ ने कहा कि इस फैसले के बाद बीमा कंपनियां सड़क हादसों में शामिल वाहन चालकों के लाइसेंस के आधार पर दावों को खारिज कर मुआवजा देने से इनकार नहीं कर सकेंगी। संविधान पीठ ने बीमा कंपनियों की ओर से दाखिल 76 याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह फैसला दिया है।
परिवहन वाहन की श्रेणी में आने वाले वाहन एमवी एक्ट की धारा 2(47) में परिवहन वाहन की परिभाषा के तहत आने वाले वाहनों में मिनी बस, मिनी ट्रक (माल ढोने वाले वाहन) या निजी सेवा वाले वाहन शामिल हैं, जिनका वजन 7500 किलोग्राम से कम हो।