नई दिल्ली, । जीएसटी परिषद की 21 दिसंबर को जैसलमेर में होने वाली बैठक पर सभी की नजरें टिकी हैं। आम आदमी के लिहाज से देखा जाए तो इस बैठक में स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा प्रीमियम पर लगने वाली जीएसटी दर को घटाने का फैसला लिया जा सकता है।
इसके साथ ही, बोतल बंद पानी और साइकिल पर भी जीएसटी की दरों को कम किया जाना है। हालांकि विलासिता से जुड़ी कुछ वस्तुओं पर जीएसटी की मौजूदा दर को बढ़ाकर 28 फीसदी किए जाने का भी फैसला हो सकता है।
जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में सबसे बड़ा फैसला स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर लगने वाले 18 फीसदी की कर दर को कम करने को लेकर होना है, जिसको लेकर बीते छह महीने से चर्चा हो रही है। कई विपक्षी दल शासित राज्य मांग उठाते आए हैं, जिस पर परिषद ने मंत्री समूह का गठन किया था।
मंत्री समूह जीएसटी की दरों को कम करने की सिफारिश कर चुका है, जिस पर फैसला परिषद की बैठक में होना है। सूत्र बताते हैं कि मंत्री समूह ने पांच लाख रुपये कम के प्रीमियम पर जीएसटी की दर को हटाने या फिर पांच फीसदी रखने की सिफारिश की है लेकिन जानकार बताते हैं कि उससे अधिक के बीमा कवर पर भी जीएसटी की दरों को कम किया जा सकता है।
कई राज्यों के वित्त मंत्रियों को तर्क रहा है कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा व्यक्ति अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कराता है, जिस पर सरकार को कर नहीं वसूलना चाहिए। संभावना है कि बैठक में पांच लाख से अधिक के कवर पर जीएसटी की मौजूदा दर 18 से घटाकर 12 फीसदी की जा सकती है। हालांकि राजस्व से जुड़ी चिंताएं भी सभी के सामने हैं क्योंकि मंत्री समूह के कई सदस्यों का तर्क रहा है कि जीएसटी की दर को कम करने से राजस्व संग्रह में कमी आएगी।
इन वस्तुओं पर भी मिल सकती है राहत
बैठक में साइकिल, एक्सरसाइज बुक और दो लीटर से ऊपर की पानी की बोतल पर कर की दर को कम कर आम जनता को राहत दी जा सकती है। मौजूदा समय में 20 लीटर या उससे अधिक बोतल बंद पीने के पानी पर 18 फीसदी जीएसटी ली जाती है, जिसे मंत्री समूह ने घटाकर पांच फीसदी करने का सुझाव दिया है।
मंत्री समूह के सुझाव
● 10 हजार रुपये से कम कीमत वाली साइकिलों पर जीएसटी 12 से घटाकर 5 प्रतिशत की जाए
● नोटबुक पर 12 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया जाएगा
● 15 हजार रुपये से अधिक कीमत वाले जूतों पर कर 18 से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव
● 25 हजार रुपये से की कलाई घड़ियों पर जीएसटी 18 से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने का प्रस्ताव