लखनऊ, । उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को तोड़कर पांच नई कंपनियां बनाने पर सहमति जताई है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को तोड़कर तीन कंपनियां और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को तोड़कर दो नई कंपनियां बनेंगी। इनमें प्रत्येक के पास करीब 30-35 लाख उपभोक्ता होंगे। ऐसा होने पर किसी एक निजी घराने (कंपनी) के एकाधिकार की आशंका खत्म होगी। मुख्यालय शक्तिभवन में कारपोरेशन के चेयरमैन डा. आशीष गोयल की अध्यक्षता में उच्च प्रबंधन की दिनभर चली बैठक में सहमति बनी। सबसे कहा कि निजी क्षेत्र से साझेदारी के लिए पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को पांच हिस्सों में बांटना ही श्रेयकर रहेगा।
- प्रयागराज में हो सकता है विधानमंडल का विशेष सत्र
- 7th CPC : 56% कन्फर्म हुआ केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA), आ गया नया अपडेट- अब बस 31 जनवरी का इंतजार
- अब मनमानी छुट्टी नहीं ले पाएंगे डिग्री शिक्षक, मेडिकल लीव पर भी शिकंजा, जान लें UGC नए नियम
- HMPV वायरस: कोविड जैसी सावधानियां बरतें, जानें क्यों है ये खतरनाक
- खड़े ट्रैक्टर से टकराई बाइक, शिक्षामित्र की मौत
सेवा शर्तें, वेतन स्पष्ट होंगे
बैठक में तय हुआ है कि रिफार्म संबंधी एग्रीमेंट में अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवा शर्तें, वेतन, प्रोन्नति, टाइम स्केल आदि के बारे में स्पष्ट प्रावधान होगा। कार्मिकों के हितों का नुकसान न हों।
पदोन्नति नहीं होगी बाधित
साफ किया गया है कि रिफार्म के बाद जितने भी अफसर-कर्मचारी ऊर्जा निगम में रहेंगे, उनकी पदोन्नति पद इसी अनुपात में रहेंगे। किसी भी स्तर पर पदोन्नति अवसर में कमी नहीं होगी।
निवेशकों की बढ़ेगी संख्या, बढ़ेगी स्वास्थ्य प्रतिस्पर्धा
पांच कंपनियां बनने पर कई निजी निवेशक आएंगे और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल बनेगा। नई कंपनियों की सीमाएं इनके मंडलों और जिलों में ऐसे व्यवस्थित की जाएंगी कि इनके प्रशासनिक नियंत्रण में सुविधा हो। हर कंपनी में बड़े नगर के साथ नगरीय, ग्रामीण क्षेत्र रहेंगे। सूत्र बताते हैं कि संभव है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज को केंद्र में रखते हुए तीन कंपनी बनाई जाएं। दक्षिणांचल में आगरा, झांसी को केंद्र में रख दो कंपनियां बनाई जाएं।