लखनऊ, ।कैबिनेट ने प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए उनके पांच वर्षों की न्यूनतम सेवा के बजाय केवल तीन वर्षों की सेवा के बाद ही स्थानांतरण का प्रस्ताव मंजूर कर दिया है। इससे घर से दूर प्रदेश के विभिन्न जिलों में सेवाएं दे रही महिला शिक्षकों को विशेष लाभ होगा, क्योंकि उन्हें परिवार के पास वापस आने का अवसर कम समय में मिलेगा। इसके लिए नई उच्चतर सेवा नियमावली-2024 में इसका प्रावधान किया गया है।
ऐसे में अब प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में कार्यरत शिक्षक, जो नियमित आधार पर नियुक्त और स्थायी रूप से पदस्थापित हैं, अब केवल तीन वर्षों की सेवा के बाद अपने स्थानांतरण का अनुरोध कर सकेंगे। इससे पहले यह सीमा पांच साल थी। नई नियमावली के तहत यह प्रावधान भी है कि शिक्षक अपने संपूर्ण सेवा काल में केवल एक बार स्थानांतरण के हकदार होंगे। इस निर्णय के पीछे योगी सरकार की मंशा है कि इससे शिक्षक समुदाय में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
अधिनियम-2023 के तहत नई व्यवस्थाएं लागू सरकार ने हाल ही में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम-2023 को लागू किया है, जो 23 अगस्त 2023 को प्रख्यापित किया गया था। इस अधिनियम के तहत उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम-1980 को निरस्त कर दिया गया है, जिससे 1980 के अधिनियम के तहत जारी स्थानांतरण नियम खुद खत्म हो गए हैं। इसके बाद 2005 में जारी नियमावली भी रद्द कर दी गई तो नई नियमावली की जरूरत हुई।
स्थानांतरण प्रक्रिया हुई पारदर्शीनई नियमावली के तहत एक महाविद्यालय से दूसरे महाविद्यालय में एकल अथवा पारस्परिक स्थानांतरण के लिए शिक्षकों को विधिवत आवेदन प्रक्रिया का पालन करना होगा। आवेदन संबंधित महाविद्यालय के प्रबंधतंत्र के जरिए प्रस्तुत किया जाएगा, जो विश्वविद्यालय द्वारा अनुमोदित होगा। प्रबंधतंत्र की सहमति के बाद ही आवेदन निदेशक उच्च शिक्षा भेजा जा सकेगा। इससे स्थानांतरण प्रक्रिया में पारदर्शिता और स्पष्टता, देरी से भी बचा जा सकेगा।
सरकार के प्रमुख निर्णय
● व्यवसायिक वाहनों के बकाए टैक्स पर जुर्माना माफ किया जाएगा। इसके लिए एक मुश्त समाधान योजना जल्द आएगी।
● नोएडा में टार्क सेमीकंडक्टर 28 हजार करोड़ का करेगी निवेश, 11 हजार को मिलेगा रोजगार
● जेवर के निकट 3706 करोड़ के निवेश से लगेगी सेमीकंडक्टर यूनिट
● लखनऊ अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय के लिए भूमि आवंटन को हरी झंडी
● 300 करोड़ से ज्यादा का निवेश का रास्ता साफ, मिलेगा 4500 लोगों को रोजगार
● छह साल में विश्व बैंक की मदद से सुधारेंगे यूपी की आबोहवा
● केन नहर प्रणाली के सुधार पर 1191 करोड़ होंगे खर्च
● आगरा एक्सप्रेसवे पर सृजित होगा 40 लाख मानव दिवस का रोजगार
● शीरा नीति मंजूर,19 शीरा देसी मदिरा के लिए आवंटित
पशुपालन में डिप्लोमा-सर्टिफिकेट कोर्स शुरू होंगे
लखनऊ। कैबिनेट ने प्रदेश में पशुपालन,परापशुचिकित्सा क्षेत्र में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने की नीति बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह पहल ग्रामीण इलाकों में पशु चिकित्सा मजबूत करने और पशु चिकित्सा विज्ञान में प्रशिक्षित पैरावेट्स(पशु स्वास्थ्य कर्मी) की संख्या बढ़ाने के लिए की जा रही है। इसके तहत राज्य में निजी संग सरकारी संस्थानों में पशुपालन डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स संचालित होंगे, जिससे पैरावेट्स को जरूरी प्रशिक्षण और कौशल विकास में सहायता मिलेगी। सरकार ने नीति बनाने के लिए पशुधन विभाग के विशेष सचिव की अध्यक्षता में चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। समिति ने विस्तृत अध्ययन के बाद रिपोर्ट बनाई है, जिसके आधार पर राज्य में परा पशुचिकित्सा और पशुपालन से जुड़े कोर्स की नीति बनाई गई है।