लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 12 नवंबर को संभावित है। इसे लेकर रविवार को आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थियों ने जीपीओ पार्क में बैठक कर रणनीति तैयार की। इसमें निर्णय लिया गया की सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ताओं के माध्यम से मजबूत पक्ष रखेगी। पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप ने बैठक में कहा कि पिछले चार साल से आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थियों के लिए सभी त्योहार फीके जा रहे हैं। वे आर्थिक तंगी की वजह से कोई त्योहार नहीं मना रहे हैं। प्रदेश सरकार से पिछले चार साल से इस भर्ती में न्याय की भीख मांग रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार इस मामले को उलझाकर लंबा खींचना चाहती है, ताकि आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी थक जाएं और इस केस से हट जाएं। प्रदेश संरक्षक भास्कर सिंह ने कहा कि भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का उल्लंघन हुआ है। इसमें आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थियों को संविधान से मिलने वाले हक की हत्या की गई है। उनका हक मारा गया है। आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थी शांत नहीं बैठेंगे, वह अपना हक सुप्रीम कोर्ट से लेकर रहेंगे

- जिले के अंदर और बाहर तबादले के नियम अलग
- मेरठ में एक ही गांव के 14 लोग एक साथ बने सिपाही
- असिस्टेंट प्रोफेसर के 1200 पद खाली, 800 पर भर्ती की तैयारी
- सरकार से शिक्षामित्रों को स्थायी करने की मांग
- आठ वर्ष से तबादला न समायोजन परिषदीय शिक्षकों में पनप रहा रोष