UPPSC: दो दिन परीक्षा से नहीं हो सकेगी धांधली
प्रयागराज, । पीसीएस और आरओ/एआरओ प्री शुचितापूर्वक कराने के लिए ही परीक्षा एक की बजाय दो दिन में कराने का निर्णय लिया गया है। इस विवशता के बीच आयोग ने साफ किया है कि मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) में किसी प्रकार का मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा। पहली बार मानकीकरण का फॉर्मूला अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करते हुए आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया फूलप्रूफ है।
आयोग का तर्क है कि पीसीएस 2024 की प्रारंभिक परीक्षा में कुल पंजीकृत 5,76,154 अभ्यर्थियों के लिए एक दिन में परीक्षा कराने के लिए सभी 75 जिलों से 19 जून 2024 के शासनादेश के अनुरूप 1758 परीक्षा केंद्रों की आवश्यकता है। इसके सापेक्ष विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों, मेडिकल कॉलेजों आदि को सम्मिलित करने के बावजूद मात्र 4,35,074 अभ्यर्थियों की क्षमता के 978 केंद्र ही मिल सके हैं। जबकि आरओ/एआरओ 2023 प्रारंभिक परीक्षा में कुल पंजीकृत 10,76,004 अभ्यर्थियों के लिए एक दिन में परीक्षा कराना संभव नहीं हो पा रहा है। परीक्षा की शुचिता सुनिश्चित करने के लिए मानक के अनुरूप ही केंद्र बनाए गए हैं।
20 किलोमीटर के दायरे में भी नहीं मिले परीक्षा केंद्र:19 जून के शासनादेश में बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और कोषागार से अधिकतम 10 किमी के दायरे में परीक्षा केंद्र बनाने की व्यवस्था दी गई थी। पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराने के लिए आयोग के अधिकारियों ने 20 किमी के दायरे में परीक्षा केंद्र निर्धारित करने की कोशिश की, इसके बावजूद पर्याप्त संख्या में केंद्र नहीं मिल सके। मुख्य सचिव ने परीक्षा केंद्रों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए वीसी से निर्देश दिए थे।
नीट में कमेटी ने बहुपाली परीक्षा की संस्तुति की:नीट प्रवेश परीक्षा मामले में केंद्र सरकार की ओर से इसरो के पूर्व प्रमुख डॉ. के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में गठित परीक्षा सुधार सम्बन्धी उच्चस्तरीय समिति ने भी किसी परीक्षा में अभ्यर्थियों की संख्या अत्यधिक होने की दशा में बहुपालीय परीक्षा प्रणाली अपनाने की अनुशंसा की है ताकि परीक्षा संबंधी सुरक्षा प्रोटोकाल का अनुपालन सुनिश्चित हो सके।
UPPSC की परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन का नियम