बंगलूरू। कर्नाटक हाईकोर्ट ने अहम फैसले में कहा कि बेटियों का भरण-पोषण और उन्हें उत्कृष्ट शिक्षा दिलाना पिता की कानूनी बाध्यता है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि वे उसकी तलाकशुदा पत्नी के साथ रह रही हैं। इसके साथ, हाईकोर्ट ने नाबालिग समेत दो बेटियों के भरण-पोषण के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।

- विद्यालय समय परिवर्तन के संबंध में BSA का आदेश जारी अब होगा 07.00 से 12.00 तक देखे आदेश
- प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं हेतु चिकित्सा किट (उपयोगी दवाये) रखे जाने के सम्बन्ध में।
- Primary ka master: 49 परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को चेतावनी
- Primary ka master; बेसिक शिक्षा विभाग की पुस्तकों के नाम Class 1-8
- 19 अप्रैल को शिक्षकों का सम्मान करेगा प्राथमिक शिक्षक संघ
जस्टिस अशोक एस किनागी ने फैसले में कहा कि ट्रायल कोर्ट ने पिता की आय को देखते हुए शादी होने तक हर बेटी को हर माह छह हजार रुपये की रकम देने का जो फैसला सुनाया है, उसमें त्रुटि नहीं है। एजेंसी