नई दिल्ली, एजेंसी। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने मंगलवार को कहा कि मामलों को तत्काल सूचीबद्ध करने और सुनवाई के लिए मौखिक उल्लेख की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने वकीलों से ईमेल या लिखित पत्र भेजने का आग्रह किया।

- 🛑अगर शिक्षक ही चुप रह जाएं, तो स्कूल बचाएगा कौन? 📢 अब समय आ गया है, जब हम केवल पढ़ाने वाले नहीं, भविष्य बचाने वाले बनें।
- Primary ka master: स्कूल मर्ज बेसिक के लिए एक भयावह स्थिति है✍️
- 825 शिक्षकों ने गैर जनपद जाने के लिए किया आवदेन
- शिक्षक आए, फोटो खींच अपलोड की और चलते बने
- Primary ka master: कहां कितने शिक्षक सरप्लस हैं ….(लगभग) Source udise data
आमतौर पर वकील दिन की कार्यवाही की शुरुआत में मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष अपने मामलों पर तत्काल सुनवाई के लिए उनका उल्लेख करते हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अब कोई मौखिक उल्लेख नहीं होगा। केवल ईमेल या लिखित पर्ची/पत्र द्वारा ही उल्लेख किया जाएगा। बस, तत्काल सुनवाई की आवश्यकता के कारण बताना होगा।