फिरोजाबाद। फिरोजाबाद ब्लाक के नगला मुल्ला परिषदीय स्कूल में तैनात शिक्षामित्र शुक्रवार को 25 मिनट तक साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया।
ठगों ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया। लेकिन पढ़ा रहे अन्य शिक्षकों की सूझबूझ से शिक्षामित्र आखिर किसी तरह बच निकले। शिक्षामित्र ने तत्काल मोबाइल बंद कर उस नंबर को ब्लॉक कर दिया।
- दहेज के लिए सरकारी शिक्षक और परिवार का उत्पीड़न:स्कॉर्पियो और 5 लाख की मांग, महिला को घर से निकाला; पति पर FIR दर्ज
- हाईकोर्ट ने कहा… शादी के बाद गैर पुरुष से अश्लील चैटिंग करना पति के प्रति क्रूरता
- 69000 शिक्षक भर्ती: होली पर अन्न त्याग कर अभ्यर्थियों का अनोखा विरोध, सरकार पर लगाए बड़े आरोप
- Primary ka master इको क्लब रजिस्टर ऐसे बनाए
- CCL नवीनतम फॉर्म डाउनलोड करें

फिरोजाबाद ब्लॉक के नगला मुल्ला स्थित प्राइमरी स्कूल में शिक्षामित्र के रूप में मोहम्मद साजिद तैनात हैं। श्रशुक्रवार सुबह 10 बजे उनके मोबाइल पर एक कॉल आई। पाकिस्तान के कोड प्लस 92 के नंबर से दिखाई दे रहे वीडियो कॉल पर कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया। शिक्षामित्र से कहा कि उनके नंबर से डुप्लीकेट सिम निकाली गई है। इस सिम से गैर कानूनी गतिविधियां भी हुई हैं। जिस दुकान से यह सिम ली गई है।
उसका पता भी बताया। इस पर शिक्षामित्र ने कहा कि वह तो कभी मुंबई नहीं गए। परिवार के लोग भी नहीं गए। इस पर दूसरी तरफ से कथित पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसके लिए उन्हें बयान देने के लिए मुंबई आना होगा। वीडियो कॉल में सामने वाला पुलिस अधिकारी की वर्दी में था। दफ्तर भी पुलिस अधिकारी के ही जैसा दिखाई दे रहा था। तभी स्कूल में तैनात एक अन्य शिक्षक अनूप कुमार गुप्ता ने भी उस फोन पर कथित पुलिस अधिकारी से बात की।
जब कॉल करने वाले को पता चला कि वह स्कूल में हैं, तो कथित पुलिस अधिकारी ने एकांत में जाकर बयान दर्ज कराने को कहा। फोन न काटने की चेतावनी दी। शिक्षामित्र ने कहा कि वह शाम तीन बजे स्कूल की छुट्टी होने के बाद कॉल करेगा। यह कहते हुए शिक्षामित्र ने सबसे पहले फोन बंद कर दिया