उत्तर प्रदेश के गोंडा में में शातिर जालसाजों ने ग्राम विकास अधिकारी की नौकरी का झांसा देकर पांच बेरोजगार युवकों से 22 लाख रुपये ऐंठ लिए। इसके बाद आरोपी नौकरी दिला पाए और न ही पैसा वापस कर रहे थे। वहीं पीड़ितों ने पुलिस समेत अधिकारियों से शिकायत की, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने पिता-पुत्र समेत तीन के खिलाफ केस दर्ज किया है।

- फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की अब खैर नहीं, सरकार चलाएगी अभियान
- यू-डायस प्लस पोर्टल पर सत्र 2024-25 में नामांकित बच्चे जो ड्राप बाक्स में कक्षा 05 में प्रदर्शित हैं, को अध्यापकों द्वारा बिना जानकारी प्राप्त किये ही इनएक्टिव कर दिये जाने के सम्बन्ध में।
- बिहार STET अंकपत्र पुनः वितरण संबंधी आदेश जारी
- शैक्षिक सत्र 2025-26 में उच्च प्राथमिक विद्यालयों, कम्पोजिट विद्यालयों तथा के०जी०बी०वी० में मीना मंच के पुनर्गठन तथा साप्ताहिक गतिविधियों एवं प्रमुख दिवसों के आयोजन हेतु कैलेण्डर जारी किये जाने के सम्बन्ध में।
- BPSC Teacher मकान किराया भत्ता अपडेट करने के संबंध में
मामला शहर कोतवाली इलाके की है। पीड़ित विष्णु प्रताप सिंह ने पुलिस को शिकायत की। बताया कि वह इमलिया गुरूदयाल गांव का रहने वाला है।वर्ष 2018-19 में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। इसी बीच उसकी मुलाकात देहात कोतवाली क्षेत्र के खरगूचांदपुर निवासी मुक्कू पांडेय से हुई।
इस तरह झांसे में लिया
मुक्कू पांडेय ने ग्राम विकास अधिकारी की नौकरी दिलाने के लिए सचिवालय में पहुंच होने का झांसा दिया। उसने खरगूचांदपुर निवासी ज्वाला प्रसाद व उनके बेटों पिंटू तिवारी व जितेंद्र तिवारी से मुलाकात कराई। इस दौरान आरोपियों ने सचिवालय का अधिकारी बताकर किसी से फोन पर बात भी कराई। ऐसे में पीड़ित आरोपियों की बातों में आ गए।