गोंडा। परिषदीय स्कूलों को संवारने के लिए अक्तूबर माह में ही कंपोजिट ग्रांट की पहली किस्त राशि के बतौर 2.86 करोड़ रुपये जारी हो चुके हैं। इसके बावजूद बजट को खर्च करने में जिम्मेदार कंजूसी बरत रहे हैं। बीते दिनों हुई समीक्षा में पता चला कि अभी तक मात्र दस फीसदी बजट ही खर्च हो सका है। इस पर नाराजगी जताते हुए बीएसए अतुल कुमार तिवारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पहली किस्त राशि का सही उपभोग कराने के साथ इसका प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराने के लिए कहा है।
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बजट से मिलने वाली राशि से स्कूलों में रंगाई-पुताई के साथ मरम्मत संबंधी अन्य कार्य होने हैं। बीते सितंबर माह में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में नामांकन के आधार पर श्रेणीवार 11.47 करोड़ रुपये की कंपोजिट ग्रांट की स्वीकृति हुई थी। स्वीकृत बजट का 25 फीसदी बजट जारी होने के साथ वित्तीय नियमों के तहत खर्च
करने के निर्देश भी दिए गए थे। बीएसए ने बताया कि जिले में कुल 2578 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों के लिए स्वीकृत ग्रांट की पहली किस्त राशि जारी की गई थी।
इस राशि को विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष व सचिव (प्रधानाध्यापक) के संयुक्त हस्ताक्षर के आधार पर खर्च किया
जाना है। प्रधानाध्यापकों को कंपोजिट ग्रांट से खरीदी जाने वाली सामग्री के बिल और बाउचर प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करना भी जरूरी है ताकि स्पष्ट हो सके कि मरम्मत कार्य पर कितना खर्च हुआ। अनुदान की न्यूनतम दस फीसदी राशि से विद्यालय की साफ-सफाई के लिए जरूरी सामान भी खरीदे जाएं।
पहली किस्त का उपयोग पर पर मिलेगी दूसरी किस्त
परिषदीय स्कूलों को मिली पहली किस्त का उपयोग करने के बाद ही दूसरी किस्त मिलनी है। 31 मार्च 2025 के पहले ही चार किस्तों में पूरा बजट मिलना है। शुरुआत में ही खर्च करने में ढिलाई से आगे के बजट की मांग करने में दिक्कत होगी। विभाग का पूरा जोर है कि जल्द से जल्द बजट का उपयोग करें, जिससे आगे की बजट की मांग की जा सके।
बेहतर बनेगी स्कूलों की तस्वीर
बजट राशि का उपयोग स्कूलों को संवारने के लिए किया जाना है। स्कूलों की तस्वीर को बेहतर बनाने के लिए इस राशि से स्वच्छता कार्य से जुड़ी सामग्री की खरीद के साथ ही कक्षों की रंगाई-पुताई व शौचालयों में टाइल्स लगाने का कार्य होना है। इसके साथ ही स्कूलों में टॉयलेट क्लीनर, फिनायल, सावून, चुना, झाडू, डस्टिंग क्लाथ, नेलकटर, हैंडवॉश और सेनिटाइजर की उपलब्धता भी सुनिश्चित कराने के साथ ही फर्स्ट एड बॉक्स और अग्निशमन यंत्र की रिफलिंग का काम भी होना है।