लखनऊ में शहरी हों या ग्रामीण, अधिकांश स्कूलों के पास 100 गज की दूरी पर खुलेआम तम्बाकू उत्पाद बेचे जा रहे हैं। कहीं पान की गुमटी लगी है तो कहीं झालर के रूप में पान मसाले की लड़ियां हाथ में लेकर स्कूल के बाहर बेची जा रही हैं। नियम और कानून ताक पर रख तम्बाकू उत्पादों की बिक्री हो रही है और नगर निगम एवं प्रशासन पूरी तरह मौन है।
इन्दिरा नगर, महानगर, निशातगंज, आलमबाग, राजाजीपुरम, गोमती नगर शायद ही कोई इलाका ऐसा है जहां किसी न किसी विद्यालय के सामने या पास पान मसाले की दुकान न हो। ज्यादातर जगहों पर मामले की स्कूल प्रबंधन शिकायत करता है और कार्यालयों में एक फाइल और बढ़ जाती है लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकलता। स्कूल प्रबंधनों ने साफ कर दिया है कि हम स्कूल में पान मसाले पर रोक लगा सकते हैं लेकिन विद्यालय के बाहर लगी दुकानों को हटाने में सक्षम नहीं हैं। ये काम नगर निगम और प्रशासन का है। उन्हें इस काम को अंजाम देना चाहिए। स्कूल प्रबंधकों का कहना है कि शासन प्रशासन अगर सख्ती बरते तो एक दिन में स्कूलों के पास से पान मसाले की दुकान हट जाएंगी।
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शराब की दुकानों से भी आफत पर कार्रवाई नहीं
राजधानी में कई इलाके ऐसे भी हैं, जहां पर स्कूलों के आसपास ही शराब की दुकानें भी हैं। इनके कारण स्कूली छात्रों, खासकर छात्राओं को स्कूल आने-माने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वैसे नियमत स्कूल-कॉलेज के आसपास शराब और पान मसाले की दुकानें नहीं हो सकतीं। उत्तर प्रदेश में स्कूल से पान मसालों की दूरी भी कम से कम 100 गज होनी चाहिए। इसके अलावा नाबालिगों को पान मसाला, तंबाकू उत्पाद और शराब की बिक्री पर रोक है। 18 साल से कम उम्र के लोगों को इन उत्पादों की बिक्री पर सजा का भी प्रावधान है।

मुहिम चलाई जाएगी
जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि गुरुवार को शहर के 25 विद्यालयों ने सूचना दी है कि उनके विद्यालय के बाहर पान मसाले की दुकानें संचालित हो रही हैं। बुधवार को 54 विद्यालयों ने सूचना दी। पूरी सूची नगर निगम को भेजी जा रही है। कमिश्नर लखनऊ के आदेश पर मुहिम चलाकर मसाले की दुकानों को हटवाया जाएगा।
एक नहीं तीन- तीन दुकानें पान मसाले की
इन्दिरा नगर स्थित इरम कान्वेंट स्कूल के मुख्य द्वार के सामने एक नहीं तीन पान मसाले की दुकानें हैं। नेशनल कॉलेज, सीएमएस चौक, नवयुग इंटर कॉलेज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज शाहमीना रोड, बालिका विद्यालय मोती नगर, क्वींस एएस इंटर कॉलेज सेंट जोसफ स्कूल का भी यही हाल है।
सोया है नगर निगम और प्रशासन
अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि नगर निगम और प्रशासन सोया हुआ है। प्राइवेट स्कूलों के परिसर में गाइडलाइन का पालन किया जाता है। चाहे शिक्षक हो या कर्मचारी कोई भी विद्यालय परिसर में यदि पान मसाला खाते दिखता है तो सख्त एक्शन लिया जाता है। विद्यालय के बाहर लगने वाली दुकानों पर हम एक्शन नहीं ले सकते हैं। इन दुकानों पर अराजक तत्व मौजूद रहते हैं, ये काम नगर निगम और प्रशासन का है।
‘हटाई जाएंगी दुकानें’
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के अनुसार स्कूल के 100 गज के दायरे में पान -गुटखा आदि बेचने वाली दुकानों को हटाने के लिए अभियान चल रहा है। ऐसी दुकानों को चिन्हित कर उन्हें हटाया जा रहा है।
ज्यादातर स्कूलों के बाहर लगने वाली पान की दुकानों पर अराजक तत्व मौजूद रहते हैं इसलिए भी स्कूल प्रबंधन खुद से दुकान आदि हटवाने का जोखिम नहीं उठाता है। हालांकि विद्यालयों के बाहर साफ निर्देश लिखे हैं कि 100 गज की दूरी पर कोई भी धूम्रपान की दुकान नहीं होनी चाहिए। इसके बावजूद खुलेआम पान मसाला बिक रहा है और यहां अक्सर लड़ाई झगड़े की घटनाएं भी घटती रहती हैं।