नई दिल्ली। तीनों सेनाओं से अग्निवीरों के पहले बैच की विदाई 2026 में शुरू होगी, इसलिए रक्षा मंत्रालय ने इसके लिए नियम-कायदे तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। चार साल का सेवाकाल पूरा करने के बाद सभी अग्निवीर पहले कार्यमुक्त होंगे फिर अधिकतम 25 को स्थायी नौकरी का मौका मिलेगा।
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सूत्रों ने कहा कि चार साल का सेवाकाल पूरा होने के बाद सभी अग्निवीरों को कार्यमुक्त कर दिया जाएगा। इसके बाद रिक्तियों के आधार पर कुछ अग्निवीरों को स्थायी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। चार साल के प्रदर्शन के आधार पर योग्य पाए गए अग्निवीरों को सेना में स्थायी भर्ती के लिए बुलाया जाएगा। इसके लिए अलग से कोई परीक्षा नहीं होगी। जिन अग्निवीरों को स्थायी सेवा के लिए मौका दिया जाएगा, हो सकता है उनमें से सभी वापस आने को तैयार न हों। ऐसी स्थिति में प्रतीक्षा सूची बनेगी, इंतजार कर रहे पूर्व अग्निवीरों को मौका दिया जाएगा।
तीनों सेनाओं में अग्निवीरों की मौजूदा स्थिति
● इस समय थल, जल और वायु सेना में करीब 55 हजार अग्निवीर भर्ती हो चुके हैं। 50 हजार भर्ती प्रक्रिया में हैं
● वर्ष 2026 तक कुल 1.75 लाख अग्निवीरों की भर्ती तीनों सेनाओं में होनी हैं
● थल सेना में सबसे ज्यादा करीब 45 हजार अग्निवीर हैं जिनमें करीब 200 महिला अग्निवीर सैन्य पुलिस में हैं
● वायुसेना और नौसेना में करीब 10 हजार अग्निवीर या तो भर्ती हो चुके हैं या प्रक्रिया में हैं