मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में रोजगार सृजन के लिए अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव एमएसएमई और प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन की तीन सदस्यीय एक्जीक्यूटिव कमेटी गठित की जाए। कमेटी की मॉनीटरिंग मुख्य सचिव द्वारा की जाएगी।
कमेटी के सदस्य रोजगार सृजन के संबंध में आपस में चर्चा करें और संस्थानों के प्रतिनिधि से समन्वय बनाकर प्रदेश में रोजगार सृजन की ठोस कार्ययोजना तैयार करें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष शुक्रवार उनके सरकारी आवास पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं संस्थानों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रदेश में रोजगार सृजन की संभावनाओं और योजनाओं के संबंध में प्रस्तुतिकरण किया गया। मुख्यमंत्री ने कार्ययोजना को उनके समक्ष 22 दिसम्बर तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। वह स्वयं कार्ययोजना की समीक्षा करेंगे, ताकि युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार से जोड़ा जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को उनकी योग्यता और कौशल के अनुसार समयबद्ध तरीके से रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके मद्देनज़र स्थानीय संसाधनों का उपयोग करते हुए ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर सृजित किए जाएं। उन्होंने अधिकारियों को युवाओं को उद्यमिता की ओर प्रेरित करने के लिए कौशल विकास के कार्यक्रमों को और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा, शिक्षा, पर्यटन, निर्माण एवं विनिर्माण सेक्टर में सबसे ज्यादा रोजगार की संभावनाएं हैं। ऐसे में इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रदेश सरकार द्वारा गांव स्तर पर बीसी सखी, ग्राम सचिवालय, बारात घर, मॉडल शॉप (सरकारी राशन की दुकान), तालाबों में मत्स्य पालन इत्यादि के जरिये भी लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे प्रदेश के गांव का विकास होने के साथ ही युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सेवायोजन विभाग रोजगार सृजन के क्षेत्र में काम कर रहा है। प्रदेश के विभिन्न विभागों को भी रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान देना होगा, तभी ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। बीते साढ़े सात वर्षों में प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित हुए हैं। इसमें अभी और संभावनाएं हैं। उन्होंने रोजगार सृजन के लिए पर्यटन क्षेत्र पर विशेष फोकस के निर्देश दिए।
लखनऊ, विशेष संवाददाता। यूपी कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान पदाधिकारी अगली कमेटी के गठन होने तक कार्यवाहक के तौर पर काम करते रहेंगे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी किया है।
असल में कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने यूपी कांग्रेस की प्रदेश, जिला, शहर व ब्लाक कमेटियां भंग करने का निर्णय लिया था। इस संबंध में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणु गोपाल ने गुरुवार को आदेश जारी कर दिया था। अब कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि जब तक प्रदेश, जिला व शहर की नई कार्यकारिणी का गठन न हो जाए तब तक मौजूदा पदाधिकारियों को काम करने दिया जाए। अब यह पदाधिकारी कार्यवाहक के तौर पर काम करेंगे।
वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस अब नए सिरे से संगठन का गठन करना चाहती है ताकि ऊर्जावान व समर्पित लोगों की पूरी कमेटी नए उत्साह से काम कर सके और कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर सके।
प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने केंद्रीय नेतृत्व से अनुरोध किया था कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को नए सिरे से ज़मीनी स्तर पर खड़ा करने के लिए संगठन में बड़े फेरबदल की ज़रूरत है। इंडिया गठबंधन में कांग्रेस व सपा हैं। ऐसे में अब यूपी में कांग्रेस सपा के साथ रहते हुए किस तरह अपने बिखरे वोट बैंक को सहेज पाती है यह नए संगठन की क्षमता पर भी निर्भर करेगा।