लखनऊ। महीन अंग्रेजी शब्दों में बीमा की शर्तें लिखने पर एलआईसी पर राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। आयोग ने बीमा कंपनी के मुख्यालय को भी आदेश की प्रति भेजी है। साथ ही केन्द्र सरकार के संबंधित विभाग के सचिव को आवश्यक कार्रवाई के लिए एक प्रति भेजी गई है।
जिला उपभोक्ता आयोग के खिलाफ अपील की सुनवाई के बाद यह निर्णय लिया गया। प्रयागराज, नई झूंसी निवासी जोखई लाल बनाम भारतीय जीवन बीमा निगम शाखा के मामले में आयोग ने तल्ख टिप्पणी की। साथ ही बीमा कंपनी को आदेश दिया कि वह पीड़ित के दोनों पुत्रों प्रसेनजीत तथा नीरज (बीमाधारक) की दोनों बीमा पालिसियों की बीमित धनराशि परिपक्वता तिथि दिनांक 14 अगस्त 2016 से 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से ब्याज सहित अदा करे। पीड़ित को 3,00,000 रुपये उसकी ओर से उठाई गई आपत्ति के लिए हर्जाना देंगे। इसमें कहा गया है कि पॉलिसी बॉण्ड में मुद्रित अक्षर काफी छोटे थे जिस कारण वह उनको पढ़ नहीं सका।
आयोग अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा कि नियम -शर्तों का फॉन्ट कम से कम 12 प्वाइंट का होना चाहिए। बीमा कंपनी को चाहिए कि वह सभी भाषाओं में इनको प्रकाशित करे।