प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग पर लंबित भर्ती परीक्षाओं की तिथि घोषित करने का दबाव बढ़ने लगा है। सोमवार को प्रतियोगी छात्रों ने आयोग में ज्ञापन भी सौंपा। आयोग की ओर से आश्वस्त किया गया कि छात्रों की मांगों पर विचार किया जाएगा।
कुछ दिन पहले आयोग की ओर से टीजीटी-पीजीटी परीक्षा और असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा के आयोजन के लिए सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर केंद्रों की सूची मांगी गई थी।
पत्र में यह उल्लेख भी था कि दोनों परीक्षाएं दिसंबर के तीसरे सप्ताह से जनवरी के दूसरे सप्ताह के बीच कराई जाएंगी, हालांकि आयोग ने अब तक परीक्षा तिथि घोषित नहीं की है।
अभ्यर्थियों को चिंता सता रही है कि आयोग ने अचानक तिथि
परीक्षा से 60 से 90 दिन पहले तिथि घोषित किए जाने की कर रहे मांग
घोषित कर दी तो तैयारी करने का समय नहीं मिलेगा। सोमवार को प्रतियोगी छात्र मोर्चा के बैनर तले आयोग पहुंचे अभ्यर्थियों ने मांग की कि परीक्षा तिथि 60 से 90 पहले घोषित की जाए, ताकि तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
यह मांग भी उठी कि नए अधियाचन के लिए पोर्टल को खोला जाए। अभ्यर्थी चाहते हैं कि नई भर्ती का विज्ञापन भी शीघ्र जारी किया जाए।
अध्यक्ष और सचिव की अनुपस्थित में उपसचिव शिवजी मालवीय ने अभ्यर्थियों से ज्ञापन लेते हुए उस विचार करने का आश्वासन दिया और कहा कि उनकी मांगों से अध्यक्ष को अवगत करा दिया जाएगा। इस मौके पर मोर्चा के अध्यक्ष विक्की खान समेत कृपाशंकर निरंकारी, लोकेंद्र शुक्ला, अजय अवस्थी, इफ्तखारुल हक, विवेक मिश्रा, संजीव सिंह, सत्येंद्र यादव, दिनेश पाल, रमेश भारती मौजूद रहे।
14 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को इंतजार
आयोग को टीजीटी पीजीटी के 4163 पदों और असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा करानी है। दोनों भर्तियां ढाई साल से अधिक समय से लंबित हैं। टीजीटी/पीजीटी के लिए 13.19 लाख और असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए 1.14 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं।
महाकुंभ के बाद ही परीक्षा के आसार
आयोग के सूत्रों का कहना है कि लंबित परीक्षाओं के आयोजन की तैयारी की जा रही है। परीक्षा केंद्र के लिए जिलाधिकारियों को पत्र भी भेजे गए हैं लेकिन दिसंबर- जनवरी में परीक्षा मुश्किल है। दोनों परीक्षाएं महाकुंभ के बाद कराने की योजना है।